त्योहारी सीजन के साथ ही भारत में अब शादी का सीजन भी शुरू होने वाला है। यह सीजन नवंबर से शुरू होकर अगले साल फरवरी-मार्च तक चलेगा। हाल ही में मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी का शाही विवाह देखने के बाद देश में शादी के बाजार पर भी असर देखने को मिलेगा। अमीर वर्ग शायद अंबानी जैसी शाही शादियां न करे, परंतु खर्च के मामले में पीछे भी नहीं रहेगा। नवंबर से दिसंबर 2024 के बीच अनुमानित 35 लाख शादियों के होने की संभावना है, जिन पर कुल 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
भारत में शादी उद्योग का बढ़ता दबदबा
प्रभुदास लीलााधर (पी.एल. कैपिटल) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ शादियां होती हैं, जिससे भारतीय शादी उद्योग दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उद्योग बन गया है। The Economist
की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में शादी उद्योग चौथे सबसे बड़े उद्योग के रूप में उभर रहा है, जिसमें हर साल लगभग $139 बिलियन खर्च किए जाते हैं। इसके चलते लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद इस उद्योग ने डिजिटल नवीनता को अपनाया है, जिसके चलते इस क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिले हैं।
भारत ने पिछले कुछ सालों में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्रमुख बाजार के रूप में अपनी पहचान बनाई है। सरकार इस प्रवृत्ति को देखते हुए पर्यटन क्षेत्र में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।
शेयर बाजार और सोने में निवेश में वृद्धि की उम्मीद
प्रभुदास लीलााधर के मुख्य सलाहकार विक्रम कास्ता के अनुसार, नवंबर से दिसंबर 2024 के मध्य 35 लाख शादियों के दौरान 4.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। इसके साथ ही, सोने और चांदी की आयात ड्यूटी को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। इससे त्योहारी और शादी के सीजन में सोने की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, खासकर सोने की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए। निवेशक भी सोने और चांदी में निवेश को लेकर उत्साहित हैं।
शादी के खर्चों और मेक इन इंडिया पहल से घरेलू अर्थव्यवस्था को मिलेगा समर्थन
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 2024 में 15 जनवरी से 15 जुलाई तक पहले ही 42 लाख से अधिक शादियां हो चुकी हैं, जिन पर 5.5 लाख करोड़ रुपये का खर्च हुआ है। इस वर्ष में शादी के उद्योग ने बड़े पैमाने पर निवेश देखा है। CAIT ने भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने और विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग के खर्च को रोकने में सहायक होगी।
शादी उद्योग के भविष्य की उम्मीदें
विशेषज्ञों का मानना है कि शादी का यह सीजन भारतीय अर्थव्यवस्था को एक बड़ा प्रोत्साहन देगा। शादी के बाजार से जुड़े विभिन्न उद्योग जैसे कि सोना, चांदी, फैशन, फूड, वेन्यू, ट्रांसपोर्ट और फूलों की सजावट आदि में भी बढ़त देखने को मिलेगी।