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पटियाला के ऐतिहासिक शीश महल में क्षेत्रीय सरस मेला 2025 का शुभारंभ आज बड़े धूमधाम से हुआ। पंजाब के पर्यटन और संस्कृति मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने रिबन काटकर और नगाड़ा बजाकर इस मेले का उद्घाटन किया। इस मौके पर कलाकारों ने बीन बजाकर और पारंपरिक लोक नृत्यों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार की पहल
इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार वर्ष 2025 में राज्यभर में और भी ऐसे बड़े मेले और त्योहारों का आयोजन करेगी, ताकि देश-विदेश से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजन पंजाब की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हैं और राज्य को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगे।
उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में पंजाब सरकार ने पर्यटन स्थलों के विकास और ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जिससे न सिर्फ पंजाब की कला और संस्कृति को बढ़ावा मिला है बल्कि राज्य में पर्यटन को भी नई पहचान मिली है।
विदेशी और भारतीय कारीगरों के लिए बड़ा मंच
इस बार सरस मेले में तुर्की, थाईलैंड, मिस्र, अफगानिस्तान सहित भारत के कई राज्यों के कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों को अपनी हस्तनिर्मित वस्तुएं बेचने के लिए एक विशाल मंच दिया गया है। यहां
- फुलकारी, चिकनकारी सूट
- लकड़ी, लोहे और बांस के फर्नीचर
- मिट्टी के बर्तन, आचार और पारंपरिक खानपान की चीजें
की बिक्री की जा रही है। मंत्री ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे मेले में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें ताकि यहां आए कलाकारों और कारीगरों को प्रोत्साहन मिले।
लोक नृत्य और रंगारंग प्रस्तुतियां बनी आकर्षण का केंद्र
इस मेले में पारंपरिक पंजाबी लोकनृत्यों के अलावा, राजस्थान का तेराताल, हरियाणा का घूमर, गुजरात का सिद्दी धमाल, उत्तराखंड का छपेली, हिमाचल का नाटी, असम का बीहू, छत्तीसगढ़ का पंथी, उड़ीसा का गोटीपुआ, जम्मू-कश्मीर की धामाली जैसी प्रस्तुतियों ने लोगों का खूब मनोरंजन किया।
इसके अलावा,
- बाजीगरों के करतब
- बीन बजाने वाले कलाकार
- कठपुतली और नकाबपोश कलाकारों की प्रस्तुति ने भी मेले में अलग ही रंग भरा।
खाने-पीने के शौकीनों के लिए स्वर्ग
मेले में खाने के भी कई स्टॉल लगाए गए हैं, जहां
- गुजराती थेपला और फाफड़ा
- हरियाणवी जलेबी और मिठाई
- राजस्थानी दाल बाटी चूरमा
- दक्षिण भारतीय इडली डोसा और बिरयानी
जैसे स्वादिष्ट व्यंजन लोगों को लुभा रहे हैं। इसके अलावा, बच्चों के लिए झूले, खिलौने और अन्य मनोरंजन साधनों ने मेले की रौनक बढ़ा दी है।
अगले कुछ दिनों में भी जारी रहेगा उत्साह
मेले के पहले दिन 150 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जहां लोगों ने जमकर खरीदारी की। 23 फरवरी तक इस मेले में पंजाब और अन्य राज्यों से हजारों पर्यटकों के आने की संभावना है।
पटियाला की डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि 13 फरवरी से पटियाला हेरिटेज फेस्टिवल और 14 फरवरी से सरस मेला शुरू हुआ है। उन्होंने सभी स्थानीय निवासियों से इन कार्यक्रमों में शामिल होने की अपील की, ताकि वे पंजाब की समृद्ध विरासत को और नजदीक से जान सकें।
लोक गायक सतविंदर बग्गा की प्रस्तुति 15 फरवरी को
मेले के आयोजकों के मुताबिक 15 फरवरी की शाम को प्रसिद्ध पंजाबी लोक गायक सतविंदर बग्गा अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा, पूरे मेले के दौरान विभिन्न स्कूलों के बच्चों, लोक कलाकारों और एनसीसी कैडेट्स द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
पटियाला में आयोजित क्षेत्रीय सरस मेला 2025 सिर्फ एक मेला नहीं बल्कि पंजाब की संस्कृति, कला, शिल्प और पर्यटन को बढ़ावा देने का एक बड़ा मंच है। इस तरह के आयोजन न केवल स्थानीय कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हैं, बल्कि देश-विदेश के लोगों को पंजाब की समृद्ध विरासत से जोड़ने का भी काम करते हैं।