
पंजाब में भ्रष्टाचार के मामले में घिरे कांग्रेस विधायक रमन अरोड़ा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने उन्हें हाल ही में गिरफ्तार किया था और उन्हें अदालत में पेश किया गया। अदालत ने रमन अरोड़ा को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, जबकि विजिलेंस ने 7 दिन की रिमांड की मांग की थी।
अदालत में पेशी के दौरान विधायक के वकील दरशन सिंह दयाल ने गुहार लगाई कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए, लेकिन विजिलेंस ने अदालत को बताया कि अब तक 7 गवाहों ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं, जिनमें यह कहा गया है कि रमन अरोड़ा ने जबरन इमारतों की सील हटवाने के लिए लाखों रुपये की रिश्वत ली थी। इसके अलावा, रमन अरोड़ा के रिश्तेदारों के नाम पर कई प्रॉपर्टी रजिस्ट्री भी मिली हैं, जिनकी गहराई से जांच जरूरी है।
इसी केस से जुड़ी एक महिला इंस्पेक्टर को भी अमृतसर से देर शाम गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोप है कि उसने एक प्रसिद्ध बेकरी मालिक से विधायक के कहने पर 3 लाख रुपये लिए। बताया जा रहा है कि किशनपुरा की उस बेकरी को पहले ए.टी.पी. सुखदेव वशिष्ठ के जरिए नोटिस भेजा गया था और बाद में 3 लाख में मामला सुलझाया गया। ये पैसे महिला इंस्पेक्टर को विधायक के कहने पर दिए गए थे।
अब रमन अरोड़ा के बेटे राजन अरोड़ा, रिश्तेदार राजू मदान और सहयोगी महेश मखीजा पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। इन तीनों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। विजिलेंस ने इन लोगों के विदेश भागने से रोकने के लिए देशभर के एयरपोर्ट्स पर लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी करवा दिया है।
सूत्रों के अनुसार, राजन अरोड़ा जालंधर नगर निगम के अफसरों पर अपने पिता की धौंस जमाता था। वहीं, महेश मखीजा पर आरोप है कि उसने विधायक के साथ मिलकर अवैध प्रॉपर्टी बनाई और रिश्वतखोरी में साथ दिया। राजू मदान पर यह भी आरोप है कि उसने झूठे पुलिस केस दर्ज करवाए और बाद में सेटलमेंट करके पैसे कमाए।
राजू मदान की कोठी पर रेड के दौरान कई अहम दस्तावेज मिले। एक सीसीटीवी फुटेज में महेश मखीजा और उसके समर्थक रेड के बाद दस्तावेज गाड़ियों में छुपाते नजर आए। विजिलेंस उन्हें भी जल्द गिरफ्तार करने की तैयारी में है। वहीं, एक युवक से मिली जानकारी के अनुसार, मखीजा रेड से जुड़ी जानकारी पड़ोसियों से फोन पर पूछ रहा था ताकि वह जांच से बच सके।
अब तक की जांच में करीब 100 से ज्यादा प्रॉपर्टियों की रजिस्ट्री मिली है, जिनमें से कई का सीधा संबंध राजू मदान से बताया जा रहा है। विजिलेंस ने इन प्रॉपर्टियों के मालिकों को बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी है। अगर यह साबित हो गया कि रजिस्ट्रियां बेनामी हैं, तो संपत्तियों को अटैच कर लिया जाएगा।
एक और खुलासा यह हुआ है कि रमन अरोड़ा की 13 रजिस्ट्रियां हुशियारपुर रोड पर स्थित एक इंडस्ट्रियल कॉलोनाइज़र के नाम पर हैं, जहां करीब 100 एकड़ में प्लॉट काटकर बेचे गए। विजिलेंस ने अब उस कॉलोनाइज़र को भी जांच में शामिल होने का नोटिस भेजा है।
यह पूरा मामला पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।