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पंजाब सरकार ने “रेंटल हाउसिंग एकोमोडेशन पॉलिसी 2018” में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने का फैसला किया है। इन बदलावों से छात्रों और बुजुर्गों के लिए किराये पर मकान उपलब्ध कराना आसान होगा, साथ ही संस्थागत क्षेत्रों में भी किराये के मकानों की अनुमति दी जाएगी।
क्या हैं ये बदलाव?
1️⃣ अब मास्टर प्लान वाले संस्थागत क्षेत्रों में भी किराये पर मकान बनाने की अनुमति होगी।
2️⃣ हालांकि, यह बदलाव एस.ए.एस. नगर और न्यू चंडीगढ़ के मास्टर प्लान पर लागू नहीं होगा।
3️⃣ मास्टर प्लान के अंदर की सड़कों की चौड़ाई कम से कम 22 फुट होनी चाहिए, जिसे 60 फुट तक बढ़ाया जा सकता है।
4️⃣ मास्टर प्लान के बाहर की सड़कों की चौड़ाई कम से कम 22 फुट होनी चाहिए, जिसे 40 फुट तक बढ़ाया जा सकता है।
5️⃣ छात्रों और बुजुर्गों के लिए प्रत्येक तीन व्यक्तियों के लिए एक दोपहिया वाहन की पार्किंग (ECS) की अनुमति होगी।
6️⃣ एक एकड़ भूमि पर पहले 500 छात्रों के लिए मकान बनाने की अनुमति थी, जिसे अब बढ़ाकर 1,000 छात्रों के लिए कर दिया गया है।
इस फैसले से क्या होगा फायदा?
✅ छात्रों को आसानी से किराये के मकान मिलेंगे और उन्हें रहने के लिए अच्छी सुविधाएं मिलेंगी।
✅ बुजुर्गों के लिए भी बेहतर आवास की सुविधा उपलब्ध होगी।
✅ संस्थागत क्षेत्रों में किराये पर मकान बनाने की अनुमति मिलने से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।
✅ सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने का प्रावधान आने वाले समय में बेहतर बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करेगा।
✅ मकान मालिकों और निवेशकों के लिए भी यह फैसला फायदेमंद रहेगा, क्योंकि वे अब किराये पर अधिक मकान बना सकेंगे।
छात्रों और बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत
इस फैसले से खासतौर पर छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को बहुत लाभ होगा, क्योंकि वे ऐसे मकानों में सुरक्षित और आरामदायक तरीके से रह सकेंगे। बढ़ी हुई आवास क्षमता से किराये के मकानों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे किराये पर घर तलाशने वालों के लिए विकल्प बढ़ेंगे।
सरकार का यह कदम शहरी विकास को बढ़ावा देने और आम लोगों को बेहतर रहने की सुविधा देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।