गणतंत्र दिवस: तीनों सेनाओं की झांकी: सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत ने अपनी सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन किया। इस बार के समारोह का मुख्य आकर्षण संविधान का 75 साल पूरा होना था। झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ रखा गया, जिसने देश की विविध संस्कृति और विकास यात्रा को प्रस्तुत किया।
तीनों सेनाओं की झांकी: सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
इस साल पहली बार परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त झांकी पेश की गई, जो सशस्त्र बलों के बीच तालमेल का प्रतीक थी। परेड में अर्जुन टैंक, तेजस लड़ाकू विमान, बीएम-21 अग्निबाण रॉकेट प्रणाली और अन्य अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया गया। भारतीय नौसेना ने स्वदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत की झलक दिखाई।
वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने आसमान में करतब दिखाते हुए देश की हवाई ताकत का प्रदर्शन किया। तेजस, राफेल और सुखोई-30 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों ने अद्भुत फ्लाईपास्ट किया। इस दौरान आसमान से फूलों की वर्षा ने समा को और भी खास बना दिया।
प्रधानमंत्री ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह से पहले राष्ट्रीय वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह परंपरा 2020 से शुरू हुई, जब अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से वॉर मेमोरियल में स्थानांतरित किया गया।
16 राज्यों और 15 केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियां
कर्तव्य पथ पर देश के 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा 15 केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की झांकियां प्रदर्शित की गईं। उत्तर प्रदेश की झांकी में महाकुंभ की झलक पेश की गई, जबकि अन्य झांकियों ने भारत की विरासत, विज्ञान, तकनीकी और सांस्कृतिक विकास को दर्शाया।
दिल्ली पुलिस की महिला बैंड दस्ते और एनसीसी की सीनियर अंडर ऑफिसर एकता कुमारी द्वारा महिला दस्ते का नेतृत्व भी खास आकर्षण का केंद्र रहा। यह प्रदर्शन भारत में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को दर्शाता है।
गढ़वाल राइफल्स और अन्य रेजीमेंट्स की झलक
परेड के दौरान ‘बद्री विशाल की जय’ उद्घोष के साथ गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने परेड का नेतृत्व किया। विभिन्न रेजीमेंट्स और बलों के जवानों ने अनुशासन और शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया।
संविधान की 75वीं वर्षगांठ का उत्सव
संविधान लागू होने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष झांकी पेश की गई। इसमें भारतीय संविधान की प्रस्तावना और इसके निर्माताओं के योगदान को दर्शाया गया। झांकी ने यह संदेश दिया कि हमारा संविधान भारत की लोकतांत्रिक नींव का आधार है।
नारी शक्ति की झलक
इस वर्ष परेड में महिला शक्ति की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। महिला सैनिकों, पुलिस कर्मियों और एनसीसी कैडेट्स ने परेड में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई।
आधुनिक तकनीकी और सांस्कृतिक धरोहर का संगम
परेड ने यह दिखाया कि कैसे भारत अपनी परंपराओं को संजोते हुए आधुनिक तकनीकी और विकास की ओर बढ़ रहा है। झांकियों और सैन्य प्रदर्शन ने भारत के गौरवशाली इतिहास, समृद्ध संस्कृति और सशक्त वर्तमान का प्रतीकात्मक चित्रण किया।
निष्कर्ष
76वें गणतंत्र दिवस का यह आयोजन भारतीय नागरिकों के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण था। कर्तव्य पथ पर सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन न केवल भारत की एकता और विविधता का प्रतीक था, बल्कि यह देश के भविष्य की प्रगति का भी संदेश देता है। इस समारोह ने भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को फिर से रेखांकित किया।