
एक बार फिर से कोरोना वायरस ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है। भारत, यूके, सिंगापुर, थाईलैंड और हांगकांग जैसे कई देशों में कोविड-19 के मामलों में अचानक इज़ाफा देखा जा रहा है। हालांकि हालात पहले जैसी गंभीर नहीं हैं, लेकिन कुछ देशों में तेज़ी से बढ़ते मामलों और मौतों की संख्या ने स्वास्थ्य एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
यूके में सबसे ज़्यादा असर
ब्रिटेन यानी यूनाइटेड किंगडम में हालात बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा खराब नजर आ रहे हैं। वहां कोविड से मरने वालों की संख्या सिर्फ एक हफ्ते में करीब 65% बढ़ गई है। 2 मई को खत्म हुए हफ्ते में 101 लोगों की मौत हुई, जो कि पिछले हफ्ते से काफी ज्यादा है। इससे पहले जनवरी में एक हफ्ते में 111 मौतें दर्ज की गई थीं। यह भले ही नवंबर 2023 की तुलना में कम है, जब हफ्ते में 273 मौतें हुई थीं, लेकिन यह बढ़ोतरी खतरे की घंटी ज़रूर है।
एशियाई देशों में भी बढ़े मामले
सिर्फ यूके ही नहीं, बल्कि एशिया के कई देशों में भी कोरोना के मामले फिर से बढ़ रहे हैं:
सिंगापुर में 3 मई को खत्म हुए हफ्ते में मामले 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गए। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी 102 से बढ़कर 133 हो गई है।
थाईलैंड में 17 मई तक के हफ्ते में मामले दोगुने से भी ज्यादा होकर 33,000 पार कर गए। सरकार ने लोगों से बूस्टर डोज़ लेने की अपील की है।
हांगकांग में 10 मई को खत्म हुए हफ्ते में 1,042 केस दर्ज किए गए, जो पिछले हफ्ते के 972 मामलों से ज्यादा हैं।
हांगकांग के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इससे पहले भी दो बार कोविड की लहरें आ चुकी हैं – एक अप्रैल से जुलाई 2023 के बीच और दूसरी फरवरी से मार्च 2024 के बीच। अब अप्रैल 2025 के मध्य से संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है।
नया वेरिएंट JN.1 है जिम्मेदार
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार कोरोना वायरस का नया वैरिएंट JN.1, जो ओमिक्रॉन का ही एक सबवेरिएंट है, तेजी से फैल रहा है। यह वैरिएंट दुनियाभर के कई देशों में पहुंच चुका है और अब प्रमुख रूप से संक्रमण फैला रहा है। इसी वजह से कई देशों में संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ रही है।
सावधानी अभी भी ज़रूरी
भले ही फिलहाल स्थिति बेहद गंभीर नहीं है, लेकिन तेजी से बढ़ते केस यह दिखाते हैं कि हमें अभी भी लापरवाह नहीं होना चाहिए। स्वास्थ्य एजेंसियां लगातार निगरानी कर रही हैं और लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे ज़रूरत पड़ने पर मास्क पहनें, हाथ धोते रहें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
विशेषकर बुजुर्गों और बीमार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। यूके में बढ़ती मौतें और एशिया में तेज़ी से बढ़ते केस यह संकेत देते हैं कि कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसलिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।