आईपीएल 2025 धीरे-धीरे करीब आ रहा है, और इस दौरान टूर्नामेंट से जुड़े कई अहम पहलू साफ होते जा रहे हैं। हाल ही में खिलाड़ियों की रिटेंशन लिस्ट जारी की गई, साथ ही मेगा ऑक्शन की तारीखें भी तय की गईं। लेकिन इस सबके बीच, टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को लेकर एक बयान दिया है, जो चर्चा का विषय बन गया है। उथप्पा ने कहा कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट के दौरान टीमों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश की प्राथमिकता हमेशा उनके खिलाड़ियों से ऊपर रहे, खासकर विदेशी खिलाड़ियों के मामले में।
यह मामला हाल ही में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज से जुड़ा हुआ है। दरअसल, न्यूजीलैंड के युवा क्रिकेटर रचिन रविंद्र, जो CSK के प्लेयर हैं, टेस्ट सीरीज के लिए चेन्नई सुपर किंग्स के एकेडमी में अभ्यास करने पहुंचे थे। उथप्पा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब देश की बात हो, तो फ्रेंचाइजी के खिलाड़ियों के हितों से ऊपर रखना जरूरी है।
उथप्पा का बयान
उथप्पा ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा, “रचिन रविंद्र सीएसके के एकेडमी में अभ्यास करने आए थे। सीएसके एक शानदार फ्रेंचाइजी है जो हमेशा अपने खिलाड़ियों का ध्यान रखेगी, लेकिन एक लाइन खींचनी होगी जहां देश का हित फ्रेंचाइजी के खिलाड़ियों से पहले आए।” उन्होंने आगे कहा कि खासकर जब विदेशी खिलाड़ी अपने देश के खिलाफ खेलते हैं, तो देश की प्राथमिकता होनी चाहिए।
उथप्पा ने यह भी कहा, “मैं सीएसके को पसंद करता हूं और मैं अचंभित नहीं हूं कि वे हमेशा अपने खिलाड़ियों के लिए खड़े रहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उस दयालुता में एक सीमा होनी चाहिए, खासकर जब देश की बात आती है।”
सीएसके के दृष्टिकोण पर सवाल
उथप्पा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इरादा CSK को आलोचना करना नहीं है, लेकिन वह यह मानते हैं कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट के मामलों में एक संतुलन जरूरी है। उनका कहना था, “मुझे सीएसके से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि जब बात देश के हित की होती है, तो हमें फ्रेंचाइजी की खिलाड़ियों की मदद से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।” उथप्पा का यह बयान सीएसके और उनके दृष्टिकोण पर सवाल खड़ा करता है, जहां टीम के खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से महत्व दिया जाता है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत का व्हाइट वॉश
गौरतलब है कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच हाल ही में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई थी, जिसमें भारत को 3-0 से व्हाइट वॉश का सामना करना पड़ा था। यह पहला मौका था जब टीम इंडिया ने घरेलू टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड से 3-0 से हार का सामना किया। इस सीरीज के परिणाम ने भारतीय क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों को चौंका दिया था, क्योंकि भारत ने पिछले कुछ समय में टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था।
उथप्पा का बयान इस व्हाइट वॉश के बाद आया है, और उनकी बातें टीम इंडिया के लिए एक संदेश हो सकती हैं कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट के साथ-साथ राष्ट्रीय टीम की प्राथमिकता भी जरूरी है। उनका मानना है कि अगर क्रिकेट के दायरे में देश का हित सबसे ऊपर रहेगा, तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में और बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।