टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले जा रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच से बाहर होना पड़ा है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी कप्तान को सीरीज के बीच में ही प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया हो। टीम मैनेजमेंट ने इसे “आराम का फैसला” बताया है, लेकिन हकीकत में रोहित शर्मा को खराब फॉर्म और कमजोर कप्तानी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
खराब फॉर्म और शर्मनाक रिकॉर्ड
रोहित शर्मा का हालिया प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। सितंबर से लेकर अब तक उन्होंने 8 टेस्ट मैचों में केवल 164 रन बनाए हैं, जिसमें एक अर्धशतक शामिल है। पिछले 10 पारियों में उनका सर्वाधिक स्कोर 18 रन रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज में भी उनका बल्ला पूरी तरह से खामोश रहा। मेलबर्न टेस्ट में वह दोनों पारियों में क्रमशः 3 और 9 रन ही बना सके।
रोहित शर्मा ने पर्थ टेस्ट में अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण भाग नहीं लिया। उनकी गैरमौजूदगी में केएल राहुल ने बतौर ओपनर शानदार प्रदर्शन किया। एडिलेड टेस्ट में रोहित ने प्लेइंग इलेवन में वापसी तो की लेकिन अपनी बल्लेबाजी पोजीशन को नंबर-6 पर डिमोट कर दिया। यह निर्णय उनकी बल्लेबाजी के लिए गलत साबित हुआ, क्योंकि वह वहां भी फेल रहे।
कप्तानी के विवादास्पद फैसले
मेलबर्न टेस्ट में रोहित शर्मा के फैसले काफी विवादित रहे। उन्होंने केएल राहुल को नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा और खुद ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाली। इस बदलाव का परिणाम टीम के लिए अच्छा नहीं रहा। शुभमन गिल को भी प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया। इन फैसलों के कारण आलोचना झेल रहे रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट से पहले खुद को बाहर रखने का फैसला किया।
जसप्रीत बुमराह को कप्तानी की जिम्मेदारी
सिडनी टेस्ट में रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई। वहीं, शुभमन गिल ने रोहित शर्मा की जगह प्लेइंग इलेवन में वापसी की। यह पहली बार है कि रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ी को सीरीज के बीच में बेंच पर बैठना पड़ा।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे मामले
रोहित शर्मा से पहले भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कप्तानों के बीच में ड्रॉप होने के कुछ मामले सामने आए हैं।
2014 में पाकिस्तान के मिस्बाह-उल-हक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे से खुद को बाहर कर लिया था, जिसके बाद शाहिद अफरीदी को कप्तानी दी गई।
श्रीलंका के दिनेश चांडीमल ने टी20 वर्ल्ड कप 2014 में आखिरी तीन मैचों के लिए प्लेइंग इलेवन से बाहर रहने का फैसला किया था। उनकी जगह लसिथ मलिंगा ने कप्तानी की।
1974 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड के माइक डेनेस चौथे टेस्ट से बाहर हुए थे।
आगे की चुनौतियां
रोहित शर्मा के इस फैसले ने भारतीय क्रिकेट में चर्चा का माहौल बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि रोहित शर्मा इस झटके से कैसे उबरते हैं। उनकी खराब फॉर्म और कप्तानी के विवादित फैसले उनके करियर के लिए एक चुनौती बने हुए हैं। अब जसप्रीत बुमराह पर यह जिम्मेदारी है कि वह टीम को सिडनी टेस्ट में जीत दिलाकर सीरीज में सम्मान बचा सकें।