
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब तीन साल से ज्यादा पुराना हो चुका है, लेकिन हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है। रूस के आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 ने यूक्रेन का एक F-16 फाइटर जेट मार गिराया है। यह खबर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि F-16 को अमेरिका का सबसे उन्नत और भरोसेमंद लड़ाकू विमान माना जाता है, जिसे दुनिया के कई देश इस्तेमाल करते हैं, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है।
S-400 की टीम को मिला इनाम
रूसी न्यूज़ एजेंसी TASS के अनुसार, F-16 को मार गिराने वाले S-400 के 12 क्रू मेंबर्स को सम्मानित किया गया है। उन्हें कुल 15 मिलियन रूबल यानी लगभग 1.95 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम दिया गया। यह इनाम 29 मई को एक समारोह में वितरित किया गया, जिससे यह साफ होता है कि रूस इस मिशन को एक बड़ी जीत मान रहा है।
एयर डिफेंस सिस्टम ही बना जीत की चाबी
भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी विजयेंद्र ठाकुर का मानना है कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाला S-400 सिस्टम ही था क्योंकि इनाम पाने वालों में कोई भी फाइटर पायलट शामिल नहीं था। यह संकेत करता है कि बिना एयर डिफेंस सिस्टम की मदद के F-16 को गिराना संभव नहीं था।
F-16 से जुड़ी दुर्घटनाएं
यूक्रेन को हाल ही में F-16 विमान मिले हैं, लेकिन इनसे जुड़ी तीन बड़ी घटनाएं पिछले 9 महीनों में सामने आई हैं:
अगस्त 2024: हादसे से कुछ ही हफ्ते पहले यूक्रेन को पहला F-16 मिला था। कहा गया कि या तो तकनीकी खराबी हुई या फिर अपने ही पैट्रियट सिस्टम से गलती से हमला हुआ (फ्रेंडली फायर)।
अप्रैल 2025: एक विमान हवा में दुर्घटनाग्रस्त हुआ और पायलट की मौत हो गई। संदेह है कि S-400 की मिसाइल ने इसे निशाना बनाया।
मई 2025: एक पायलट ने तीन टारगेट को मार गिराया था, लेकिन चौथे टारगेट पर हमला करते समय तकनीकी खराबी आ गई और पायलट को विमान से बाहर निकलना पड़ा।
इन तीनों घटनाओं में एक समानता यह रही कि किसी में भी रूसी मिसाइल को सीधे जिम्मेदार नहीं ठहराया गया, जिससे सवाल उठते हैं कि क्या S-400 जैसे सिस्टम के बिना ये हादसे मुमकिन थे?
F-16 की ताकत और चुनौतियां
F-16 फाइटर जेट को अमेरिकी तकनीक का बेजोड़ उदाहरण माना जाता है। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को 85 F-16 विमान देने का वादा किया है, लेकिन अभी तक यूक्रेन के पास सिर्फ 10 से 14 F-16 ही सक्रिय हैं। इनका इस्तेमाल वायु रक्षा गश्त, टोही मिशन और सीमित हमलों के लिए किया जाता है।
F-16 का सबसे उन्नत हथियार है AGM-88 HARM मिसाइल, जो दुश्मन के रडार सिस्टम को नष्ट कर सकती है। लेकिन यह मिशन बेहद खतरनाक होते हैं, क्योंकि S-400 जैसे एडवांस रूसी सिस्टम इन विमानों को काफी दूरी से पहचान कर हमला कर सकते हैं।
F-16: वरदान या बोझ?
रूस समर्थक विशेषज्ञों का कहना है कि F-16 जैसी उन्नत तकनीक को चलाना यूक्रेनी पायलटों के लिए आसान नहीं है, क्योंकि वे पहले सोवियत विमानों को उड़ाते थे। इस बदलाव को संभालना उनके लिए चुनौतीभरा हो सकता है। हालांकि, सच यह है कि F-16 फिलहाल यूक्रेन के पास सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान हैं और रूस के हमलों का जवाब देने का एकमात्र प्रभावी विकल्प भी।
F-16 का गिराया जाना अमेरिका और यूक्रेन दोनों के लिए चिंता का विषय है। यह घटना दिखाती है कि युद्ध अब सिर्फ संख्या का नहीं, तकनीक और रणनीति का भी खेल बन चुका है। रूस का S-400 सिस्टम फिलहाल मैदान में सबसे खतरनाक हथियारों में से एक साबित हो रहा है।