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पंजाब सरकार की वित्तीय स्थिरता के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की पहल: जीएसटी मुआवजा सेस प्रणाली को 2026 के बाद भी जारी रखने की सिफारिश
चंडीगढ़, 2 दिसंबर:
पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा सेस प्रणाली को 31 मार्च 2026 के बाद भी जारी रखने की पुरजोर सिफारिश की है। उन्होंने यह मामला मुआवजा सेस पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में उठाया, जिसमें उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया। यह बैठक राज्यों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
राजस्व हानि का मुद्दा
वित्त मंत्री चीमा ने बैठक में जीएसटी के लागू होने से राज्यों को हुए राजस्व नुकसान का मसला मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम 2017 के तहत, जीएसटी काउंसिल को मुआवजा अवधि को पांच साल से अधिक बढ़ाने का अधिकार है। उन्होंने विशेष रूप से अनाज पर खरीद कर को जीएसटी में शामिल करने के कारण पंजाब को हुए भारी और स्थायी राजस्व नुकसान की चर्चा की। यह कर, जीएसटी लागू होने से पहले, पंजाब के राजस्व में एक बड़ा योगदान करता था।
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वैल्यू एडेड टैक्स और जीएसटी दरों का अंतर
चीमा ने यह भी कहा कि वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) प्रणाली के तहत वस्तुओं पर कर की दरें, वर्तमान जीएसटी दरों की तुलना में काफी अधिक थीं। उन्होंने बताया कि इस बड़े अंतर ने पंजाब के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। उन्होंने जीएसटी प्रणाली के तहत राज्यों के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी को दूर करने और उन्हें अपने नागरिकों के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पंजाब जैसे राज्यों को भारी राजस्व नुकसान हुआ है, जिसे मुआवजे के बिना पूरा करना कठिन है। उन्होंने कहा कि जीएसटी मुआवजा उपकर प्रणाली का विस्तार करना राज्यों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। यह कदम न केवल पंजाब के वित्तीय हितों की रक्षा करेगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी राहत प्रदान करेगा, जो जीएसटी लागू होने के कारण वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
पंजाब को हुए राजस्व नुकसान का विस्तृत विवरण
वित्त मंत्री ने अनाज पर खरीद कर जैसे महत्वपूर्ण राजस्व स्रोतों को जीएसटी में शामिल करने के प्रभाव को स्पष्ट करते हुए कहा कि इससे पंजाब के लिए दीर्घकालिक वित्तीय अस्थिरता का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से पहले इस कर से राज्य को बड़ी आय होती थी, जो अब नहीं हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा प्रणाली को 2026 के बाद भी जारी रखा जाए।
राज्यों की व्यापक चिंताओं का प्रतिनिधित्व
हरपाल सिंह चीमा की यह सिफारिश न केवल पंजाब, बल्कि उन सभी राज्यों की चिंताओं का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्हें जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वित्तीय अस्थिरता के कारण विकास परियोजनाओं और नागरिक सेवाओं में बाधा आ सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री चीमा की यह सिफारिश सरकार की इसी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम पंजाब के नागरिकों के लिए आवश्यक सेवाओं और विकास पहलों को जारी रखने में सहायक होगा।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा द्वारा जीएसटी मुआवजा सेस प्रणाली को 2026 के बाद भी जारी रखने की जोरदार वकालत ने न केवल पंजाब, बल्कि देश के अन्य राज्यों के हितों को भी उजागर किया है। उन्होंने जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों के राजस्व में आई कमी और इसके प्रभावों को मजबूती से सामने रखा। उनकी सिफारिश, पंजाब जैसे राज्यों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और केंद्र सरकार से उचित मुआवजे की मांग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।