
पंजाब सरकार द्वारा लड़कियों के विवाह के समय दी जाने वाली “आशीर्वाद स्कीम” राज्य के ज़रूरतमंद परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है। यह योजना अनुसूचित जातियों, ईसाई समुदाय, पिछड़ी जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के लिए चलाई जा रही है। इसके तहत शादी के समय सरकार की ओर से 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
फ़तेहगढ़ साहिब ज़िले में 2968 बेटियों को मिला लाभ
ज़िला फ़तेहगढ़ साहिब में इस स्कीम के तहत अब तक 2968 लाभार्थियों को कुल 15 करोड़ 13 लाख 68 हजार रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है। यह जानकारी ज़िला उपायुक्त डॉ. सोना थिंद ने दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली के ज़रिए पहुँचाया जा रहा है।
अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग दोनों को मिला समर्थन
डॉ. थिंद के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग की 1989 लड़कियों को कुल 10 करोड़ 14 लाख 39 हजार रुपये दिए गए हैं। वहीं पिछड़ी जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित 979 लड़कियों को 4 करोड़ 99 लाख 29 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है।
कौन-कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि आशीर्वाद योजना का लाभ निम्न वर्ग की लड़कियों के साथ-साथ विधवाओं की बेटियों और तलाकशुदा महिलाओं को भी दिया जाता है। किसी भी जाति की विधवा महिला की बेटी, अनुसूचित जाति की तलाकशुदा महिलाएं और उनका पुनर्विवाह करने पर भी सरकार की ओर से 51,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।
राशि सीधे खाते में भेजी जाती है
इस योजना की एक बड़ी खासियत यह है कि पूरी राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और भ्रष्टाचार की संभावना नहीं रहती। फरवरी 2025 तक की सभी अदायगियाँ पूरी की जा चुकी हैं और विभाग द्वारा बाकी बचे मामलों पर तेज़ी से कार्रवाई की जा रही है।
सरकार का उद्देश्य – बेटियों को सशक्त बनाना
यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत देती है, बल्कि सरकार की मंशा भी दर्शाती है कि वह समाज के हर वर्ग की बेटियों को सम्मान के साथ जीवन जीने और आगे बढ़ने का मौका देना चाहती है।
आशीर्वाद योजना उन परिवारों के लिए बहुत बड़ी मदद है, जो अपनी बेटियों की शादी के खर्च को लेकर चिंतित रहते हैं। सरकार की इस पहल से ना सिर्फ बेटियों को सम्मान मिला है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी गया है कि सरकार हर वर्ग के साथ खड़ी है।