भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने छोटी और मिड साइज कंपनियों के आईपीओ (IPO) में निवेश के लिए न्यूनतम राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। SEBI का यह कदम छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों के IPO में बढ़ती निवेशकों की रुचि को देखते हुए उठाया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य न केवल निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करना है, बल्कि बाजार में ऐसे निवेशकों को आकर्षित करना भी है जो जोखिम लेने और अधिक निवेश करने की क्षमता रखते हैं।
क्या है SEBI का प्रस्ताव?
SEBI ने SME (छोटी और मिड साइज एंटरप्राइज) IPO में निवेश की न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में यह सीमा 1 लाख रुपये है। साथ ही, छोटे खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखते हुए, न्यूनतम आवेदन राशि को 2 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। SEBI का मानना है कि इस कदम से IPO में भाग लेने वाले निवेशकों की गुणवत्ता में सुधार होगा और जोखिम के प्रति अधिक जागरूक निवेशकों को प्राथमिकता मिलेगी।
SEBI का उद्देश्य
SEBI का मुख्य उद्देश्य IPO बाजार में अधिक सतर्कता और संरचना लाना है। इसके तहत:
- निवेशकों की सुरक्षा: IPO में भाग लेने वाले निवेशक अधिक जोखिम लेने की क्षमता रखते हों, यह सुनिश्चित करना।
- गुणवत्ता नियंत्रण: IPO में उच्च गुणवत्ता वाले और जानकार निवेशकों की भागीदारी को प्रोत्साहन देना।
- बाजार का भरोसा बढ़ाना: SME सेगमेंट में अधिक विश्वास उत्पन्न करना ताकि निवेशक लंबे समय तक टिके रहें।
SME IPO में बढ़ती भागीदारी
पिछले कुछ वर्षों में SME IPO में निवेशकों की भागीदारी में भारी वृद्धि देखी गई है।
- वित्त वर्ष 2021-22: निवेशक-आवेदक अनुपात चार गुना।
- वित्त वर्ष 2022-23: यह आंकड़ा बढ़कर 46 गुना हुआ।
- वित्त वर्ष 2023-24: अनुपात 245 गुना तक पहुंच गया।
इस आंकड़े से यह साफ है कि SME IPO में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक है।
छोटे निवेशकों के लिए चुनौतियां
SME IPO में लिस्टिंग के बाद अक्सर बाजार की धारणा बदल जाती है, जिससे छोटे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है। SEBI ने पाया कि कई छोटे निवेशक जानकारी के अभाव में ऐसे IPO में निवेश करते हैं और बाद में फंस जाते हैं। इसीलिए, निवेश की सीमा बढ़ाने का यह कदम छोटे खुदरा निवेशकों को जोखिम से बचाने के लिए उठाया गया है।
निवेश सीमा बढ़ाने के फायदे
- जानकार निवेशकों की भागीदारी: बड़े निवेशक जो बाजार की समझ रखते हैं, उनकी भागीदारी बढ़ेगी।
- छोटे निवेशकों की सुरक्षा: कम निवेशक लेकिन अधिक समझ रखने वाले लोग भाग लेंगे, जिससे छोटे निवेशकों का नुकसान कम होगा।
- IPO में स्थिरता: SME सेगमेंट में लंबे समय तक टिकने वाले और सक्षम निवेशक शामिल होंगे।
आम जनता से सुझाव आमंत्रित
SEBI ने इस प्रस्ताव पर चार दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं। इसका उद्देश्य इस नियम को अंतिम रूप देने से पहले जनता और विशेषज्ञों की राय जानना है। SEBI को उम्मीद है कि इस कदम से SME सेगमेंट को लेकर निवेशकों में विश्वास बढ़ेगा और बेहतर ढंग से नियोजित बाजार तैयार होगा।