
पंजाब के जालंधर जिले की एक गरीब परिवार की नौजवान लड़की नौकरी की तलाश में ओमान चली गई थी, लेकिन वहां उसके साथ जो कुछ हुआ, वह दिल दहला देने वाला है। लड़की को उसकी ही भाभी ने एक एजेंट के साथ मिलकर 4 लाख रुपये में बेच दिया। इसके बाद वह इंसानी तस्करी का शिकार बन गई और उसकी ज़िंदगी एक नर्क बन गई।
पीड़ित लड़की ने बताया कि ओमान में उसे दिन-रात काम करने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन न तो वेतन दिया गया और न ही ढंग का खाना। जब उसने विरोध किया, तो उसे बेरहमी से पीटा गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और उसकी मर्जी के खिलाफ काम कराया गया।
लड़की ने बताया कि वह सब कुछ सहती रही क्योंकि उसे अपने परिवार की मजबूरियों का ख्याल था, लेकिन जब बिना वजह उसके साथ लगातार मारपीट शुरू हुई, तब उसका सब्र टूट गया। किसी तरह वह उस परिवार से भाग निकली और लगभग दो महीने तक ओमान की सड़कों पर भटकती रही। वहां उसके पास कोई सहारा नहीं था, न खाना, न छत।
इस दौरान उसने एक बेहद डरावना मंजर देखा — एक और लड़की को पार्क से उसके बालों से घसीटते हुए कार में डाला गया और ले जाया गया। उस पल ने उसकी उम्मीद को भी तोड़ दिया। पीड़िता ने खुलासा किया कि ओमान के एक पार्क में उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब की करीब 20 और लड़कियां भी कैद की गई थीं, जो बहुत बुरी हालत में जी रही थीं।
आख़िरकार पीड़िता ने किसी तरह अपने पति से संपर्क किया और उसने यह बात राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी को बताई। सीचेवाल जी ने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास से संपर्क कर तुरंत कार्रवाई शुरू करवाई। नतीजा यह रहा कि महज़ 10 दिनों में पीड़िता की सुरक्षित वापसी भारत हो पाई।
भारत लौटने पर पीड़िता और उसके परिवार ने संत सीचेवाल और भारत सरकार का दिल से धन्यवाद किया। संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने इस मामले पर गहरी संवेदना जताई और कहा कि यह बेहद दुखद है कि बिना मां-बाप की बेटी को उसकी ही भाभी ने पैसों के लालच में दलदल में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक इंसानी तस्करी करने वाले गिरोहों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसे मामले रुक नहीं सकते।
सीचेवाल जी ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे ऐसे धोखेबाज एजेंटों और रिश्तेदारों से सावधान रहें, जो विदेश नौकरी दिलाने के नाम पर लड़कियों को खाड़ी देशों में फंसा रहे हैं। साथ ही, उन्होंने सरकार से मांग की कि मानव तस्करी रोकने के लिए कठोर कानून और उनके सख्त पालन की ज़रूरत है।
यह घटना न केवल एक लड़की की बहादुरी की कहानी है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि विदेश जाने के सपने दिखाकर लोग कैसे हमारी बहनों और बेटियों की ज़िंदगी को खतरे में डाल रहे हैं।