
6 जून (शुक्रवार) को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। इसका मुख्य कारण बना भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का चौंकाने वाला फैसला, जिसमें रेपो रेट में 0.50% की कटौती और CRR (कैश रिज़र्व रेशियो) में 1% की कमी की गई। निवेशकों ने इस खबर का गर्मजोशी से स्वागत किया और बाजार में बड़ा उछाल आया।
दिन के अंत में सेंसेक्स 746 अंक चढ़कर 82,188 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी में भी 252 अंकों का इज़ाफ़ा हुआ, जिससे वह 25,000 के ऊपर चला गया।
आइए जानते हैं शेयर बाजार में आई इस तेजी के 5 मुख्य कारण:
1. RBI की उम्मीद से ज्यादा बड़ी रेपो रेट कटौती
भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती कर सबको चौंका दिया। अब यह दर घटकर 5.5% रह गई है, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है।
बाजार में अधिकतर विशेषज्ञों को 0.25% की कटौती की उम्मीद थी, लेकिन RBI ने दोगुनी राहत दी। इससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य कर्ज सस्ते होंगे, जिससे रीयल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा।
यह फैसला मुद्रास्फीति में कमी और आर्थिक मांग बढ़ाने के मकसद से लिया गया है।
2. CRR में 1% की कटौती से बैंकों को राहत
RBI ने बैंकों के लिए एक और राहतभरी घोषणा की—कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) में 1% की कटौती।
यह कटौती चार चरणों में (सितंबर से नवंबर) की जाएगी, जिसमें हर बार 0.25% की कटौती होगी। इससे CRR 4% से घटकर 3% हो जाएगा।
इससे बैंकिंग सिस्टम में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आएगी, जिससे बैंकों की लोन देने की क्षमता बढ़ेगी।
इस फैसले के बाद बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई।
3. एशियाई बाजारों में तेजी से मिला सपोर्ट
दक्षिण कोरिया का KOSPI इंडेक्स और जापान का Nikkei 225 दोनों ही हरे निशान में ट्रेड कर रहे थे। इसके अलावा अमेरिकी वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स में भी मजबूती देखी गई, जिससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ा और भारतीय बाजार को भी इसका फायदा मिला।
4. अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में नरमी की उम्मीद
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई, जिसे दोनों देशों ने सकारात्मक बताया।
इससे दुनिया भर में व्यापार युद्ध को लेकर बनी चिंताओं में राहत मिली है। वैश्विक निवेशकों को इससे राहत महसूस हुई और शेयर बाजारों में सकारात्मक माहौल बना।
5. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत को फायदा
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 0.29% की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर $65.15 प्रति बैरल पर आ गई।
भारत अपनी जरूरत का करीब 85% कच्चा तेल आयात करता है, इसलिए तेल के दाम घटने से महंगाई पर नियंत्रण और चालू खाते के घाटे में कमी आने की उम्मीद है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है।
RBI के फैसलों और वैश्विक परिस्थितियों के चलते भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया है। निवेशकों में उत्साह बढ़ा है और बाजार फिलहाल मजबूत रुख दिखा रहा है। यदि ये स्थितियां बनी रहती हैं, तो आने वाले हफ्तों में भी शेयर बाजार में मजबूती जारी रह सकती है।