
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लंबे समय से जारी किसान आंदोलन के बाद एक बड़ी खबर सामने आई है। करीब 400 दिनों बाद शंभू बॉर्डर को अब पूरी तरह खोल दिया गया है। इस फैसले के बाद अब वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। हरियाणा पुलिस ने सुबह से ही बैरिकेड्स हटाने का काम शुरू कर दिया था, जिसे पूरा कर लिया गया है।
डी.आई.जी. ने किया स्थिति का जायजा
हरियाणा पुलिस के डी.आई.जी. हरमनबीर सिंह ने जानकारी दी कि पंजाब की ओर से हरियाणा की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को खोल दिया गया है। पुलिस अधिकारियों की टीम ने खुद इस रूट का निरीक्षण किया। बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान बनाए गए अस्थायी शेड्स को भी बुलडोजर की मदद से हटा दिया गया है।
किसानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
गुरुवार को पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए करीब 13 महीनों बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर को पूरी तरह खाली करवा लिया था। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया, जिनमें प्रमुख किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर शामिल हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता
पुलिस कार्रवाई के बाद किसान नेताओं ने विरोधस्वरूप भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसानों की मांग है कि सरकार जल्द उनकी शर्तों पर बातचीत करे और गिरफ्तार किए गए नेताओं को रिहा किया जाए।
जगजीत सिंह डल्लेवाल की हिरासत
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जालंधर ले जाया गया था। पुलिस उन्हें पहले पिम्स अस्पताल लेकर गई और फिर शुक्रवार सुबह उन्हें जालंधर कैंट स्थित पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया। वहां पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
सरकार और किसानों के बीच तनातनी जारी
केंद्र सरकार ने किसान नेताओं को चंडीगढ़ में बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने बॉर्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर दी। इस वजह से किसान संगठनों में रोष बढ़ गया है।
फिलहाल, पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है और बॉर्डर से बैरिकेड हटाने के बाद अब स्थिति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, किसानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है और वे आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं।