शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की सभी 11 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। यह उछाल समूह के लिए सकारात्मक संकेत है, खासकर जब समूह पर अमेरिका में लगे आरोपों की खबरों के बावजूद निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी
बीएसई पर अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 14.64% की बड़ी तेजी देखी गई। इसी प्रकार, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 13.54%, अडानी टोटल गैस में 7.33%, अडानी पावर में 4.90%, और एनडीटीवी में 4.54% का उछाल आया।
इसके अलावा, अन्य कंपनियों जैसे अंबुजा सीमेंट्स (2.90%), सांघी इंडस्ट्रीज (2.44%), अडानी पोर्ट्स (2.25%), अडानी विल्मर (2.24%), अडानी एंटरप्राइजेज (2.11%), और एसीसी (1.34%) के शेयरों में भी तेजी दर्ज की गई।
सेंसेक्स और निफ्टी ने दिखाई मजबूती
सेंसेक्स ने 688.31 अंकों की बढ़त के साथ 79,732.05 अंकों का आंकड़ा छुआ, जबकि निफ्टी 192.65 अंक चढ़कर 24,106.80 अंक पर पहुंच गया। बाजार की यह मजबूती निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है, खासकर अडानी समूह को लेकर हाल ही में आई नकारात्मक खबरों के बीच।
अबू धाबी की IHC और अन्य का समर्थन
अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने अडानी समूह के प्रति अपने विश्वास को बनाए रखते हुए कहा है कि गौतम अडानी पर अमेरिका में लगे आरोपों के बावजूद समूह के प्रति उसका नजरिया नहीं बदलेगा। इसके अलावा, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और तंजानिया सरकार ने भी अडानी समूह को अपना पूर्ण समर्थन दिया है।
अमेरिका में आरोप और अडानी ग्रुप का पक्ष
अमेरिका में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का आरोप लगाने की खबरें सामने आई थीं। हालांकि, अडानी समूह ने स्पष्ट किया है कि गौतम अडानी और सागर अडानी पर केवल प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
आरोपों का विवरण:
- अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) पर आरोप है कि उसने सौर ऊर्जा बिक्री ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी।
- यह ठेका हासिल कर कंपनी को 20 साल की अवधि में करीब 2 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ होने की संभावना थी।
- एजीईएल के तीन अधिकारियों पर प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, वायर धोखाधड़ी की साजिश और प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
अडानी ग्रुप का जवाब
अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह आरोप तथ्यों से परे हैं और इनका उद्देश्य समूह की साख को नुकसान पहुंचाना है। समूह ने अपने बचाव में कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
कंपनी ने कहा कि प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप, रिश्वतखोरी के आरोपों की तुलना में कम गंभीर हैं और इनमें जुर्माने के तौर पर मौद्रिक दंड लगाया जाता है।
निवेशकों का भरोसा बरकरार
शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कंपनियों में आई तेजी से यह स्पष्ट है कि निवेशकों का समूह पर भरोसा बना हुआ है। वैश्विक समर्थन और समूह के प्रति सकारात्मक रुख ने बाजार में एक बार फिर से स्थिरता लाने का काम किया है।
अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी और सेंसेक्स-निफ्टी की मजबूती भारतीय बाजार की स्थिरता का संकेत देती है। हालांकि, अमेरिका में लगाए गए आरोपों और उनसे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया से समूह को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद, अंतरराष्ट्रीय समर्थन और समूह का मजबूत रुख इसे इन बाधाओं से निपटने में मददगार साबित हो सकता है।