
पिछले दो दिनों से लगातार तेजी पकड़ रहे भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार, 30 अप्रैल को ब्रेक लग गया। बाजार में हल्की गिरावट देखी गई, लेकिन असली झटका मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में आया, जहां भारी गिरावट दर्ज की गई। इसका सीधा असर निवेशकों की संपत्ति पर पड़ा, जो एक ही दिन में करीब ₹3.11 लाख करोड़ घट गई।
सेंसेक्स और निफ्टी की चाल
बीएसई का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स शुक्रवार को 46.14 अंक यानी 0.057% की गिरावट के साथ 80,242.24 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं एनएसई का निफ्टी इंडेक्स केवल 1.75 अंक यानी 0.0072% की मामूली गिरावट के साथ 24,334.20 पर बंद हुआ। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि भले ही प्रमुख इंडेक्स ज्यादा नहीं गिरे, लेकिन बाज़ार में चौतरफा दबाव देखने को मिला।
मिडकैप-स्मॉलकैप शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट
हालांकि बड़ी कंपनियों के शेयरों में मामूली हलचल रही, लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली।
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BSE मिडकैप इंडेक्स 0.72% गिरा।
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BSE स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.74% की बड़ी गिरावट हुई।
इन गिरावटों का असर सीधा निवेशकों की संपत्ति पर पड़ा।
निवेशकों की दौलत में भारी गिरावट
30 अप्रैल को बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप घटकर ₹423 लाख करोड़ पर आ गया, जो एक दिन पहले 29 अप्रैल को ₹426.11 लाख करोड़ था। इस तरह निवेशकों की संपत्ति में सिर्फ एक दिन में ₹3.11 लाख करोड़ की कमी आ गई।
टॉप लूजर्स: बजाज फिनसर्व सबसे नीचे
सेंसेक्स के टॉप 15 शेयरों में गिरावट देखी गई।
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बजाज फिनसर्व का शेयर सबसे ज्यादा गिरा, जो 5.45% टूट गया।
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इसके अलावा बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, SBI, और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में भी 1.87% से लेकर 4.99% तक की गिरावट देखी गई।
इन शेयरों की कमजोरी ने बाजार की सेहत को खासा नुकसान पहुंचाया।
कितने शेयरों में तेजी और कितनों में गिरावट?
बीएसई पर आज कुल 4,063 शेयरों में कारोबार हुआ।
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इनमें से 975 शेयरों में तेजी रही।
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2,938 शेयरों में गिरावट देखी गई।
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वहीं 150 शेयर बिना किसी बदलाव के सपाट बंद हुए।
इसके अलावा 60 शेयर ऐसे रहे जिन्होंने आज अपना नया 52-हफ्तों का उच्चतम स्तर छू लिया, जबकि 52 शेयरों ने 52-हफ्तों का नया निचला स्तर बनाया।
क्यों आई गिरावट?
विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में आई यह गिरावट मुनाफावसूली का नतीजा हो सकती है। लगातार दो दिनों की तेजी के बाद निवेशकों ने अपने लाभ को सुरक्षित करना बेहतर समझा। इसके अलावा वैश्विक बाजारों की कमजोर चाल और घरेलू स्तर पर आने वाले महंगे वैल्यूएशन का दबाव भी एक वजह माना जा रहा है।
क्या करें निवेशक?
बाजार की मौजूदा चाल को देखते हुए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशकों को धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट के चलते फिलहाल सतर्कता बरतना जरूरी है। लंबे समय के निवेशकों के लिए यह मौका हो सकता है कि वे अच्छे स्टॉक्स को डिस्काउंट पर खरीद सकें।