
अगर आप चांदी खरीदने का सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। चांदी को आमतौर पर “ग़रीबों का सोना” कहा जाता है, लेकिन अब इसकी कीमतें लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही हैं। 4 जून 2025 को चांदी ने इतिहास रच दिया, जब इसकी कीमत 1,01,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, चांदी की कीमत में 540 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले चांदी का रेट 1,00,460 रुपये था, और 28 मार्च को यह 1,00,934 रुपये प्रति किलो के उच्चतम स्तर पर पहुंची थी।
सोने में भी हल्का उछाल
दूसरी ओर, सोने की कीमतों में भी थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। 24 कैरेट सोने के 10 ग्राम का रेट 121 रुपये बढ़कर 96,988 रुपये हो गया है। इससे पहले यह 96,867 रुपये प्रति 10 ग्राम था। अप्रैल में सोने ने 99,100 रुपये प्रति 10 ग्राम का उच्चतम स्तर बनाया था।
चांदी की बड़ी छलांग
मंगलवार को घरेलू सर्राफा बाजार में चांदी ने एक बार फिर 1 लाख रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार कर लिया। सिर्फ एक दिन में चांदी 2,699 रुपये यानी 2.76% बढ़ी। सोमवार को यह 97,761 रुपये प्रति किलो थी। यह साल 2025 में चांदी की दूसरी सबसे बड़ी एक दिन की बढ़ोतरी मानी जा रही है। इससे पहले 13 मई को चांदी 2,725 रुपये चढ़ी थी।
हालांकि, अभी भी चांदी 28 फरवरी के रिकॉर्ड स्तर 1,00,892 रुपये से थोड़ी नीचे है, लेकिन तेजी के संकेत बरकरार हैं।
क्यों बढ़ रही है चांदी?
विशेषज्ञों के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ी हुई औद्योगिक मांग और मजबूत आर्थिक स्थितियों की वजह से चांदी की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। साल 2024 में अब तक चांदी में 21% की बढ़ोतरी देखी गई है।
निवेशकों के लिए मौका?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चांदी थोड़ी गिरकर 94-95 हजार रुपये प्रति किलो तक आती है, तो ये निवेश के लिए अच्छा मौका हो सकता है। साल के अंत तक इसकी कीमत 1.30 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है, यानी मौजूदा स्तर से करीब 29% का रिटर्न संभव है।
चांदी की बढ़ती कीमतें यह दिखा रही हैं कि यह न सिर्फ गहनों के लिए, बल्कि एक बेहतर निवेश विकल्प भी बनती जा रही है। अगर आप लॉन्ग टर्म में निवेश की सोच रहे हैं, तो चांदी एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है।