
हाल के दिनों में चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है, जिसने आम लोगों से लेकर निवेशकों तक सभी को चौंका दिया है। इस समय चांदी की कीमत ₹1 लाख प्रति किलोग्राम के पार चली गई है, और विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली तक यह ₹1.25 लाख से ₹1.30 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।
क्या है कीमतों में उछाल की वजह?
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय सुरेश केडिया के अनुसार, यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में आए तकनीकी ब्रेकआउट की वजह से आई है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में थोड़ी नरमी आने से भी चांदी की मांग बढ़ी है, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में।
चांदी की औद्योगिक मांग
चांदी की सबसे ज़्यादा मांग अब पारंपरिक गहनों की बजाय औद्योगिक उपयोग में देखी जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहन, 5G तकनीक और ग्रीन एनर्जी (सौर ऊर्जा, विंड एनर्जी आदि) जैसे क्षेत्रों में चांदी की खपत तेज़ी से बढ़ रही है। यही वजह है कि इसकी कीमत में लगातार तेजी बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें
वैश्विक बाजार में भी चांदी की कीमतें एक नए मुकाम पर हैं। इस समय यह $37 प्रति औंस तक पहुंच गई है, जो एक अहम स्तर माना जा रहा है। इससे भी भारत में इसके दाम पर सीधा असर पड़ा है।
दिल्ली सर्राफा बाजार का हाल
मंगलवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत में ₹1,000 का इज़ाफा हुआ और यह ₹1,08,100 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। वहीं, सोने की कीमत में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई। सोना ₹110 सस्ता होकर ₹97,670 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। जानकारों का कहना है कि यह गिरावट गहनों के व्यापारियों और स्टॉकिस्टों की बिकवाली की वजह से हुई है।
निवेशकों के लिए संकेत
विशेषज्ञों के मुताबिक, चांदी में मौजूदा तेजी निवेशकों के लिए एक मजबूत संकेत है। जो लोग लॉन्ग टर्म में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय चांदी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।अगर चांदी की मांग इसी तरह बनी रही और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सपोर्ट मिलता रहा, तो दिवाली तक चांदी ₹1.30 लाख प्रति किलो तक जा सकती है। यह न केवल उद्योग जगत के लिए बल्कि निवेशकों के लिए भी एक सुनहरा अवसर बन सकता है।