घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) द्वारा भारी खरीदारी के बीच, पिछले दो व्यापारिक सत्रों में गिरावट का सामना करने के बाद भारतीय शेयर बाजारों ने वीरवार को फिर से गिरावट दर्ज की। 14 नवम्बर को, बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सैंसक्स 110.64 अंक यानी 0.14 प्रतिशत गिरकर 77,580.31 पर बंद हुआ।
निफ्टी में भी गिरावट
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 26.35 अंक यानी 0.11 प्रतिशत गिरकर 23,532.70 के स्तर पर बंद हुआ। सैंसक्स के 30 स्टॉक्स में से 15 में वृद्धि हुई, जबकि 15 में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी के 50 स्टॉक्स में से 21 में तेजी आई, जबकि 29 में गिरावट रही।
सेक्टोरल इंडेक्स में मिली-जुली प्रतिक्रिया
NSE के सेक्टरल इंडेक्स में FMCG और हेल्थकेयर सेक्टरों को छोड़कर, बाकी सभी सेक्टर लाभ में रहे। हालांकि, इस दौरान विदेशी निवेशकों (FII) ने 13 नवम्बर को 2,502.58 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 6,145.24 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस लेन-देन के बावजूद, बाजार में निरंतर उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
वैश्विक बाजारों की स्थिति
वैश्विक बाजारों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कोस्पी लाभ में रहे, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग नकारात्मक क्षेत्र में रहे। अमेरिकी बाजार बुधवार को मिलीजुली भावना के साथ बंद हुए थे।
ब्रेंट क्रूड की कीमत भी 0.36 प्रतिशत गिरकर 72.02 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 0.10 प्रतिशत चढ़ा, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.13 प्रतिशत बढ़ा और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.23 प्रतिशत गिर गया।
अमेरिकी बाजारों की स्थिति
13 नवम्बर को अमेरिकी बाजारों में डाओ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 0.11 प्रतिशत बढ़कर 43,958 के स्तर पर पहुंच गया। S&P 500 में 0.023 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 5,985 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, नास्डैक में 0.26 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 19,230 पर बंद हुआ।
घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव
भारतीय बाजारों में पिछले कुछ दिनों से गिरावट के कारण निवेशक सतर्क हो गए हैं, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने बाजार को संभालने का प्रयास किया। इस दौरान शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल रहा। हालांकि, लंबे समय में निवेशकों को बाजार में सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है।
बाजार की भविष्यवाणी
विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में अगले कुछ दिनों में कुछ हल्की-फुल्की बढ़त देखी जा सकती है। वैश्विक बाजारों में भी सुधार के संकेत हैं, और घरेलू बाजार में स्थिरता की संभावना है। यदि एफआईआई के निवेश में तेजी आती है, तो सैंसक्स और निफ्टी दोनों में अगले सत्रों में सुधार हो सकता है।
कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार में इस समय निरंतर उतार-चढ़ाव का माहौल बना हुआ है। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी के बावजूद विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार को प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में, निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और साथ ही बाजार की दिशा का अनुमान लगाने के लिए वैश्विक संकेतों पर ध्यान देना जरूरी होगा।