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कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने जातिगत जनगणना और खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। संसद में शून्यकाल के दौरान उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि 2021 में होने वाली जनगणना में अब तक चार साल की देरी हो चुकी है, जिससे कई जरूरतमंद लोगों को उनके हक का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
सोनिया गांधी ने सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं पर भी सवाल उठाए और कहा कि जो मुफ्त राशन लोगों को दिया जा रहा है, वह असल में कांग्रेस सरकार की बनाई हुई योजना का हिस्सा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून कोई विशेषाधिकार (प्रिविलेज) नहीं, बल्कि देश के नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
राहुल गांधी का जातिगत जनगणना अभियान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि इससे पिछड़े वर्गों और गरीब तबके को सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सकेगा। वे सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि जाति आधारित जनगणना कराई जाए ताकि यह साफ हो सके कि देश में पिछड़ी जातियों और कमजोर वर्गों की जनसंख्या कितनी है और उन्हें उनकी संख्या के हिसाब से अधिकार दिए जाएं।
जनगणना में देरी पर सोनिया गांधी का सवाल
सोनिया गांधी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय जनगणना से जोड़ दिया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार जानबूझकर जनगणना नहीं करा रही, जिससे यह साफ नहीं हो पा रहा कि देश में कितने लोग सरकारी योजनाओं के लाभ के हकदार हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह गरीबों की मदद का सिर्फ दावा करती है, लेकिन असल में जरूरतमंदों को उनका हक नहीं दे रही है।
बीजेपी बनाम कांग्रेस: गरीब कल्याण की राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपनी सरकार की गरीब-हितैषी योजनाओं की चर्चा करते हैं, वहीं कांग्रेस का कहना है कि गरीबों को लाभ देने का विचार उनकी सरकार से ही आया था। सोनिया गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस सरकार के समय खाद्य सुरक्षा कानून बनाया गया था, लेकिन आज भी बहुत से गरीबों को उसका पूरा फायदा नहीं मिल रहा है, क्योंकि जनगणना नहीं होने से सही आंकड़े ही उपलब्ध नहीं हैं।
बीजेपी सरकार ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की मुफ्त योजनाओं को लेकर लोगों को समझाया कि केंद्र सरकार की योजनाएं ज्यादा प्रभावी हैं और सिर्फ वादे नहीं, बल्कि डिलीवरी पर ध्यान देती हैं। अब सोनिया गांधी इसी तर्ज पर बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही हैं। वह जनता को समझाने में जुटी हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में होती, तो हर गरीब तक खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ पहुंचता।
क्या कांग्रेस को मिलेगा फायदा?
सोनिया गांधी की इस रणनीति से कांग्रेस को दोहरे फायदे की उम्मीद है—पहला, गरीबों को यह समझाने का प्रयास कि मोदी सरकार की योजनाएं उतनी प्रभावी नहीं हैं, जितना दावा किया जाता है। दूसरा, जातिगत जनगणना के जरिए पिछड़े वर्गों को कांग्रेस के पक्ष में लाने की कोशिश। अब देखना होगा कि उनकी यह रणनीति आने वाले चुनावों में कितना असर दिखा पाती है।