भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों ने 23 मई, 2023 को प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी व्यवस्था (MMPA) की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच प्रासंगिक कौशलों का आदान-प्रदान करना है, जो खासकर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लाभकारी साबित होगा। इस समझौते के अंतर्गत, “मोबिलिटी अरेंजमेंट फॉर टैलेंटेड अर्ली-प्रोफेशनल्स स्कीम (MATES)” मुख्य केंद्र में है। यह योजना विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया में बेहतर काम के अवसरों की तलाश कर रहे भारतीय छात्रों के लिए नए रास्ते खोलती है।
क्या है MATES प्रोग्राम?
MATES प्रोग्राम को विशेष रूप से 30 वर्ष या इससे कम आयु के भारतीय नागरिकों के लिए तैयार किया गया है, जिन्होंने हाल ही में किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से स्नातक किया है। ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह स्कीम उन स्नातकों के लिए एक आकर्षक विकल्प प्रस्तुत करती है जो विदेशों में अपने करियर को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 122,000 से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे हैं।
करियर की तरक्की के लिए बेहतर मौका
MATES प्रोग्राम भारतीय स्नातकों को दो साल तक ऑस्ट्रेलिया में रहने और काम करने की अनुमति देता है, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय कार्य अनुभव हासिल कर सकते हैं। यह प्रोग्राम भारतीय स्नातकों के लिए वीसा प्रक्रिया को भी आसान बनाता है, क्योंकि इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई नियोक्ता से स्पॉन्सरशिप की आवश्यकता नहीं है। साथ ही, उम्मीदवार अपने नामांकित क्षेत्रों में काम कर सकते हैं, लेकिन इस योजना में रोजगार के विकल्पों में लचीलापन भी है। इसका मतलब है कि स्नातक अपने अकादमिक पृष्ठभूमि से भिन्न क्षेत्रों का अन्वेषण कर सकते हैं, जिससे उनके कौशल और पेशेवर नेटवर्क को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
MATES प्रोग्राम के लिए योग्यता मापदंड
MATES प्रोग्राम में आवेदन करने के लिए कुछ मापदंड हैं जिन्हें उम्मीदवारों को पूरा करना होता है:
- आवेदन के समय उम्मीदवार की आयु 30 वर्ष या इससे कम होनी चाहिए।
- मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से स्नातक किए हुए अधिकतम दो वर्ष हुए हों।
- अंग्रेजी भाषा में दक्षता होनी चाहिए, जिसका प्रमाण IELTS में न्यूनतम 6 बैंड स्कोर के रूप में हो।
- योग्यताएँ विशेष क्षेत्रों में होनी चाहिए, जैसे कि नवीकरणीय ऊर्जा, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और फाइनेंस टेक्नोलॉजी (बैकलर डिग्री या उससे ऊपर)।
यह योग्यता मापदंड यह सुनिश्चित करता है कि उम्मीदवारों के पास वे कौशल हैं जो ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं और उन्हें करियर में आगे बढ़ने के अवसर भी प्रदान करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव का लाभ
ऑस्ट्रेलिया में काम करने का अवसर न केवल रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाता है बल्कि भारतीय स्नातकों को वैश्विक कार्य परिवेश की गहरी समझ भी प्रदान करता है। यह अनुभव न केवल ऑस्ट्रेलिया में बल्कि भारत वापस आने या अन्य देशों में जाने पर भी काफी उपयोगी हो सकता है, जिससे वे नौकरी के बाज़ार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इस योजना के अंतर्गत वे अपने परिवार के सदस्यों को भी अपने साथ ला सकते हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया में जीवन की शुरुआत अधिक सहज और समर्थित हो जाती है।
भविष्य की संभावनाएँ
MATES प्रोग्राम के 2024 के अंत में शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें शुरुआती पायलट चरण में प्रति वर्ष 3,000 उम्मीदवारों के लिए स्थान प्रदान किए जाएंगे। यह पहल न केवल ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बढ़ते संबंधों को रेखांकित करती है बल्कि कुशल प्रवासियों का स्वागत करने की ऑस्ट्रेलिया की प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन प्रवासियों को अवसर प्रदान करना है जो ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकते हैं।