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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक बड़ा हादसा हुआ, जब प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। इस घटना में 10 महिलाओं, 3 बच्चों समेत 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तुरंत लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP) में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
घटना शनिवार रात 9:30 बजे की है, जब प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेन में सवार होने के लिए हजारों श्रद्धालु प्लेटफॉर्म नंबर 12 और 13 पर जमा हो गए। ट्रेन का समय नजदीक आने पर भीड़ बेकाबू हो गई। इसी दौरान, कुछ यात्री धक्का-मुक्की के कारण नीचे गिर गए और देखते ही देखते भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे, जिससे मौके पर ही कई लोगों की मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस और रेलवे प्रशासन को भीड़ के बारे में पहले से जानकारी थी, लेकिन कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए थे। हादसे के बाद स्टेशन पर चीख-पुकार मच गई और अफरातफरी का माहौल बन गया।
पीड़ितों के नाम और पहचान
इस दर्दनाक हादसे में जिन 17 लोगों की जान गई, उनकी पहचान इस प्रकार है—
1. आहा देवी (79 वर्ष) – बक्सर, बिहार
2. पिंकी देवी (41 वर्ष) – संगम विहार, दिल्ली
3. शीला देवी (50 वर्ष) – सरिता विहार, दिल्ली
4. व्योम (25 वर्ष) – बवाना, दिल्ली
5. पूनम देवी (40 वर्ष) – सारण, बिहार
6. ललिता देवी (35 वर्ष) – परना, बिहार
7. सुरुचि (11 वर्ष) – मुजफ्फरपुर, बिहार
8. कृष्णा देवी (40 वर्ष) – समस्तीपुर, बिहार
9. विजय साह (15 वर्ष) – समस्तीपुर, बिहार
10. नीरज (12 वर्ष) – वैशाली, बिहार
11. शांति देवी (40 वर्ष) – नवादा, बिहार
12. पूजा कुमार (8 वर्ष) – नवादा, बिहार
13. संगीता मलिक (34 वर्ष) – भिवानी, हरियाणा
14. पूनम (34 वर्ष) – महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
15. ममता झा (40 वर्ष) – नांगलोई, दिल्ली
16. रिया सिंह (7 वर्ष) – सागरपुर, दिल्ली
17. बेबी कुमारी (24 वर्ष) – बिजवासन, दिल्ली
प्रधानमंत्री और नेताओं ने जताया शोक
इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा—
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की खबर से अत्यंत दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एलएनजेपी अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
रेलवे प्रशासन पर सवाल
यह घटना रेलवे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती है।
इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त पुलिस बल क्यों नहीं था?
अगर ट्रेन के लिए हजारों लोग स्टेशन पर पहुंचे थे, तो उनके प्रवेश और निकासी का सही प्रबंधन क्यों नहीं हुआ?
भगदड़ के बाद इमरजेंसी सेवाएं देरी से क्यों पहुंचीं?
इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन इस हादसे ने फिर से रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
घटना के बाद रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल
इस हादसे में अपनों को खोने वाले परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। बक्सर, बिहार से आई आहा देवी अपने परिवार के साथ महाकुंभ जाने वाली थीं, लेकिन उनकी यात्रा काल बन गई।
मुजफ्फरपुर, बिहार की 11 साल की सुरुचि, जो अपने माता-पिता के साथ यात्रा कर रही थी, भी इस हादसे का शिकार हो गई। उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई यह भगदड़ प्रशासन की लापरवाही और कुप्रबंधन का नतीजा है। हर साल महाकुंभ में लाखों लोग जाते हैं, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। यह हादसा एक चेतावनी है कि रेलवे और प्रशासन को भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
(अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें।)