
आमिर खान जब भी किसी फिल्म के साथ बड़े पर्दे पर लौटते हैं, दर्शकों की उम्मीदें अपने आप बढ़ जाती हैं। उनकी हर फिल्म में कुछ अलग और खास देखने को मिलता है। ‘तारे ज़मीन पर’ जैसी भावुक और यादगार फिल्म देने के बाद, अब वह ‘सितारे ज़मीन पर’ लेकर आए हैं, जिसने ट्रेलर से ही दर्शकों को बांध लिया था। फिल्म 20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है, और आइए जानते हैं कि क्या ये फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है।
कहानी क्या है?
फिल्म की कहानी गुलशन अरोड़ा नाम के एक असिस्टेंट बास्केटबॉल कोच के इर्द-गिर्द घूमती है, जो घमंडी, गुस्सैल और खुद में मस्त रहने वाला इंसान है। गुलशन की जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आता है जब वो नशे में गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है। कोर्ट उसे सज़ा के तौर पर तीन महीने तक समाज सेवा करने का आदेश देता है। अब उसे एक स्पेशली एबल्ड बच्चों की बास्केटबॉल टीम को ट्रेनिंग देनी होती है।
शुरुआत में गुलशन इस ज़िम्मेदारी से घबरा जाता है। उसे लगता है कि ये उसके लिए सज़ा है, लेकिन जैसे-जैसे वह बच्चों के साथ वक्त बिताता है, उसकी सोच और जिंदगी दोनों बदल जाती हैं। फिल्म दिखाती है कि कैसे एक घमंडी इंसान जिम्मेदार और संवेदनशील इंसान में तब्दील हो जाता है।
एक्टिंग कैसी है?
आमिर खान ने गुलशन के किरदार को पूरे आत्मविश्वास और परफेक्शन के साथ निभाया है। उनका हाव-भाव, डायलॉग डिलीवरी और इमोशन सभी कुछ शानदार है। फिल्म में उनकी कॉमिक टाइमिंग भी देखने को मिलती है, जो दर्शकों को गुदगुदाती है।
जेनेलिया देशमुख ने गुलशन की पत्नी का किरदार निभाया है। उन्होंने अपने सीमित स्क्रीन टाइम में भी अपनी मौजूदगी का असर छोड़ा है। हालांकि, उनके किरदार को और गहराई दी जा सकती थी।
फिल्म के असली हीरो वे 10 न्यूरोडाइवर्जेंट बच्चे हैं, जिन्होंने बिना किसी बनावटीपन के दिल जीतने वाला अभिनय किया है। डॉली अहलूवालिया और बृजेन्द्र काला जैसे अनुभवी कलाकारों ने भी फिल्म में जान डाली है।
निर्देशन और मेकिंग
फिल्म को आर.एस. प्रसन्ना ने निर्देशित किया है। यह स्पैनिश फिल्म ‘चैंपियंस’ की हिंदी रीमेक है। बावजूद इसके, उन्होंने कहानी को भारतीय संदर्भ में अच्छी तरह ढाला है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक भी कहानी के साथ मेल खाते हैं।
कुल मिलाकर कैसी है फिल्म?
फिल्म का पहला हाफ थोड़ा धीमा लग सकता है, लेकिन सेकंड हाफ में कहानी पकड़ बना लेती है। फिल्म के इमोशनल पल दिल छूते हैं और हल्के-फुल्के हास्य दृश्य मनोरंजन भी करते हैं। यह एक फैमिली फिल्म है जो बच्चों के साथ देखी जा सकती है।
इस हफ्ते कोई दूसरी बड़ी रिलीज़ नहीं है, ऐसे में अगर आप कुछ अलग और प्रेरणादायक देखना चाहते हैं तो ‘सितारे ज़मीन पर’ आपके लिए एक अच्छी पसंद हो सकती है।