घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को एक बार फिर बड़ी गिरावट के साथ खुला, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स सुबह 9:20 बजे 416.66 अंकों की गिरावट के साथ 77,161.72 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी भी 153.55 अंकों की कमजोरी के साथ 23,364.95 पर था। बाजार में लगातार गिरावट ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है, और पिछले कुछ हफ्तों में 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी डूब चुकी है।
गिरावट के मुख्य कारण
शेयर बाजार में यह गिरावट कई घरेलू और वैश्विक कारणों से हो रही है।
1. वैश्विक बाजारों का दबाव:
एशियाई शेयर बाजारों में गुरुवार को गिरावट का रुख देखा गया। एनवीडिया जैसे एआई आधारित शेयरों के कमजोर प्रदर्शन और यूक्रेन के संघर्ष से जुड़े भू-राजनीतिक तनावों ने बाजार को दबाव में रखा।
जापान का निक्केई: 0.7% की गिरावट
ताइवान का तकनीक आधारित शेयर सूचकांक: 0.5% की गिरावट
हांगकांग का हैंग सेंग: 0.22% की गिरावट
चीन के शेयर बाजार: मामूली गिरावट
2. डॉलर में मजबूती और सुरक्षित संपत्तियों में निवेश:
डॉलर की मजबूती के कारण सोने और सरकारी बॉन्ड जैसी सुरक्षित संपत्तियों में निवेश बढ़ रहा है। इससे इक्विटी मार्केट पर दबाव बढ़ा है।
3. बिटकॉइन की नई ऊंचाई:
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी नीतियों की उम्मीद में बिटकॉइन ने रिकॉर्ड ऊंचाई छू ली है, जिससे इक्विटी मार्केट से पैसा बाहर निकल रहा है।
सेंसेक्स और निफ्टी पर प्रदर्शन
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन इस प्रकार रहा:
लाभ में रहे शेयर:
टेक महिंद्रा
टीसीएस
हिंडाल्को
भारती एयरटेल
एचडीएफसी बैंक
नुकसान में रहे शेयर:
एसबीआई
एनटीपीसी
डॉ. रेड्डीज लैब्स
ब्रिटानिया
ओएनजीसी
एशियाई बाजारों पर असर
गुरुवार को एशियाई इक्विटी बाजारों में भी गिरावट का रुख देखा गया। जापान, ताइवान, और हांगकांग जैसे प्रमुख बाजारों में गिरावट के साथ ही चीन के बाजार में भी कमजोरी रही। एमएससीआई के सबसे बड़े एशिया-प्रशांत शेयर सूचकांक में 0.23% की गिरावट दर्ज की गई।
पिछले सत्र का हाल
19 नवंबर को, सात दिनों की लगातार गिरावट के बाद बाजार ने हरे निशान पर बंद होने का रुख किया था। सेंसेक्स 0.31% की बढ़त के साथ 77,578.38 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 0.28% की बढ़त के साथ 23,518.50 पर रहा। हालांकि, यह बढ़त अल्पकालिक साबित हुई, और बाजार फिर से गिरावट की चपेट में आ गया।
निवेशकों को भारी नुकसान
लगातार गिरावट के कारण शेयर बाजार से अब तक 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी निकल चुकी है। यह गिरावट न केवल छोटे निवेशकों बल्कि बड़े संस्थागत निवेशकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है।
विशेषज्ञों की राय
शेयर बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को फिलहाल सतर्कता बरतनी चाहिए। वैश्विक और घरेलू दोनों कारकों के कारण बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी।
लंबी अवधि के निवेशकों: को धैर्य बनाए रखना चाहिए।
कमोडिटी और गोल्ड में निवेश: मौजूदा समय में सुरक्षित विकल्प हो सकते हैं।
डॉलर की मजबूती का असर: आयात आधारित कंपनियों और आईटी सेक्टर पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
घरेलू शेयर बाजारों में जारी गिरावट और वैश्विक बाजारों के कमजोर प्रदर्शन ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे समय में निवेशकों को सतर्कता बरतते हुए बाजार के रुझानों को समझना होगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है, लेकिन फिलहाल जोखिम कम करने वाले कदम उठाना जरूरी है।