सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने कमजोर शुरुआत की है। वैश्विक बाजार में बिकवाली के दबाव का असर भारतीय बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 177.16 अंक गिरकर 81,570.46 अंक पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 43.90 अंक की गिरावट के साथ 24,633.90 अंक पर कारोबार कर रहा है।
शुक्रवार को थमी थी तेजी
स्थानीय शेयर बाजार में पिछले पांच कारोबारी दिनों में लगातार तेजी देखने को मिली थी, लेकिन शुक्रवार को यह तेजी थम गई। बीएसई सेंसेक्स 56.74 अंक गिरकर 81,709.12 पर बंद हुआ था। वहीं, एनएसई निफ्टी भी 30.60 अंक गिरकर 24,677.80 पर बंद हुआ। बीते पांच कारोबारी दिनों में सेंसेक्स ने कुल 2,722.12 अंकों की बढ़त दर्ज की थी।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली का दबाव
शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से भारी बिकवाली देखने को मिली, जिसने बाजार पर दबाव बनाया। इसके बावजूद, एफआईआई की बाजार में वापसी ने बीते सप्ताह बड़ी तेजी लौटाई थी। लेकिन, सोमवार को भी बाजार की नजर विदेशी निवेशकों के रुख पर टिकी हुई है। अगर उनकी बिकवाली का सिलसिला जारी रहा, तो बाजार पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हैवीवेट शेयरों पर दबाव
सोमवार को शुरुआती कारोबार में जिन प्रमुख हैवीवेट कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचसीएल टेक प्रमुख हैं। ये सभी कंपनियां भारतीय बाजार में बड़ी भूमिका निभाती हैं, और इनमें गिरावट का असर बाजार के समग्र प्रदर्शन पर साफ नजर आता है।
वैश्विक बाजारों का असर
वैश्विक बाजारों में बिकवाली का रुख बना हुआ है। एशियाई बाजारों में कमजोरी के चलते भारतीय बाजार में भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। इसका प्रमुख कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना और बढ़ती वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता को माना जा रहा है।
आगे का नजरिया
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। निवेशकों को सतर्कता बरतने और दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जा रही है। आज के कारोबार में विदेशी निवेशकों का रुख और वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन बाजार की दिशा निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
सारांश रूप में, सोमवार को शेयर बाजार में गिरावट देखी गई, जो वैश्विक बाजार में जारी कमजोरी और घरेलू स्तर पर निवेशकों की सतर्कता के कारण है। आने वाले दिनों में बाजार का रुझान विदेशी निवेशकों और आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा।