
शेयर बाजार में आज गिरावट का दौर जारी रहा। सेंसेक्स 96.01 अंकों यानी 0.13% की गिरावट के साथ 72,989.93 के स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स के 11 स्टॉक्स में बढ़त रही, जबकि 19 स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह, निफ्टी भी लगातार 10वें दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी 36.65 अंक यानी 0.17% गिरकर 22,082.65 के स्तर पर पहुंच गया।
विदेशी निवेशकों ने भारी मात्रा में शेयर बेचे
3 मार्च को विदेशी निवेशकों (FII) ने 11,639 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। दूसरी ओर, घरेलू निवेशकों (DII) ने 12,308 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे बाजार को कुछ हद तक सहारा मिला।
किन सेक्टर्स में रही सबसे ज्यादा गिरावट?
आज के कारोबार में ऑटो और आईटी सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली।
- निफ्टी ऑटो इंडेक्स 1.31% गिरा।
- आईटी इंडेक्स 0.90% नीचे आ गया।
हालांकि, मीडिया और सरकारी बैंकों के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
- मीडिया इंडेक्स 2.37% चढ़ा।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSU Bank Index) 1.56% बढ़े।
- मेटल और ऑयल एंड गैस इंडेक्स करीब 0.50% की बढ़त के साथ बंद हुए।
वैश्विक बाजारों में भी गिरावट
दुनियाभर के बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली।
- जापान का निक्केई इंडेक्स 1.82% गिरा।
- हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.51% नीचे आ गया।
- चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.11% की गिरावट के साथ बंद हुआ।
- अमेरिका में भी बाजार में भारी गिरावट रही।
- डॉव जोंस 1.48% गिरकर 43,191 के स्तर पर बंद हुआ।
- S&P 500 1.76% और Nasdaq कंपोजिट 2.64% नीचे आ गए।
गिरावट की वजह क्या है?
शेयर बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह अमेरिका द्वारा ट्रेड वॉर को लेकर लिए गए नए फैसले हैं।
- 4 मार्च 2025 से अमेरिका ने मेक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
- चीन पर भी 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा रहा है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर कोई देश अमेरिका से शुल्क वसूलता है, तो अमेरिका भी बदले में उतना ही शुल्क लगाएगा।
- 2 अप्रैल से बाकी दुनिया पर भी इसी तरह के टैरिफ लागू किए जाएंगे, जिसमें भारत भी शामिल हो सकता है।
बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है
इन फैसलों के कारण निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के कारण बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। अगर आने वाले दिनों में कोई समाधान नहीं निकला, तो शेयर बाजार में और ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।