
सोमवार, 7 अप्रैल को शेयर बाजार ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में जोरदार गिरावट देखने को मिली, जिससे करोड़ों निवेशकों की पूंजी मिनटों में साफ हो गई।
सेंसेक्स और निफ्टी की बड़ी गिरावट
BSE सेंसेक्स आज 2226.79 अंक यानी 2.95% की गिरावट के साथ 73,137.90 पर बंद हुआ। वहीं, NSE निफ्टी 742.85 अंक या 3.24% गिरकर 22,161.60 के स्तर पर आ गया। यह गिरावट पिछले कई महीनों की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक मानी जा रही है।
सभी सेक्टरों में बिकवाली, कोई नहीं बचा
आज के दिन बाजार में ऐसा कोई सेक्टर नहीं बचा जिसमें बिकवाली न देखी गई हो। सेंसेक्स के सभी 30 स्टॉक्स लाल निशान में बंद हुए। सबसे ज्यादा नुकसान Tata Steel, Larsen & Toubro, Tata Motors, और Kotak Mahindra Bank को हुआ।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर भी नहीं बचे
सिर्फ बड़े स्टॉक्स ही नहीं, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी जबरदस्त गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 3.63% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 3.88% तक लुढ़क गया।
सभी सेक्टर लाल निशान में, मेटल और रियल्टी की हालत खराब
सेक्टरवाइज बात करें तो Nifty Metal Index सबसे ज्यादा टूट गया, यह 6.75% नीचे बंद हुआ। इसके अलावा Realty, Banking, Auto, Media, और Private Bank इंडेक्स में भी 3% से ज्यादा की गिरावट देखी गई। IT, Pharma, PSU Bank, और Oil & Gas सेक्टर में भी बिकवाली का जोर रहा।
गिरावट के प्रमुख कारण
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टैरिफ वॉर ने बढ़ाई चिंता
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इम्पोर्ट टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद चीन ने भी सख्त प्रतिक्रिया दी। इससे दुनियाभर के बाजारों में बेचैनी फैल गई है। ट्रंप ने बयान में कहा, “कभी-कभी सुधार के लिए कड़वी दवा ज़रूरी होती है।” -
अमेरिकी मंदी की आशंका
टैरिफ हाइक के चलते आर्थिक विशेषज्ञों ने अमेरिका में मंदी की संभावना जताई है। इससे निवेशकों में डर का माहौल बन गया है और वे पूंजी को सुरक्षित करने के लिए बिकवाली कर रहे हैं। -
वैश्विक बाजारों से मिला दबाव
एशिया के शेयर बाजारों में भी भारी गिरावट आई है। हांगकांग का हैंग सेंग 11%, टोक्यो का निक्केई 225 7%, शंघाई कंपोजिट 6% और कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 5% तक गिर गया। जापान में तो स्टॉक फ्यूचर्स को ट्रे़डिंग के दौरान रोकना पड़ा।
निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?
इस भारी गिरावट के बाद निवेशक दुविधा में हैं कि अब क्या करें। विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि अच्छे क्वालिटी के स्टॉक्स में लॉन्ग टर्म निवेश का यह मौका हो सकता है। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव अभी कुछ समय तक बना रह सकता है।
आज का दिन बाजार के लिए काला दिन साबित हुआ। निवेशकों को सतर्क रहना होगा और जल्दबाज़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। वैश्विक स्थितियों पर नजर रखना जरूरी है क्योंकि इनका सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ता है।