
गुरुवार, 19 जून को भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर गिरावट देखने को मिली। यह लगातार तीसरा कारोबारी दिन है जब बाजार लाल निशान पर बंद हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 82.57 अंक की गिरावट के साथ 81,362.58 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 19.15 अंक गिरकर 24,793.70 के स्तर पर पहुंच गया।
इस गिरावट की वजह ग्लोबल फैक्टर्स मानी जा रही हैं। खासकर इस्राइल और ईरान के बीच चल रहे तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें स्थिर रखने का फैसला, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है।
कौन से सेक्टर गिरे, कौन टिके?
सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयरों में गिरावट देखने को मिली। अडाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, और टेक महिंद्रा जैसे दिग्गज स्टॉक्स 2.5% तक गिर गए। वहीं, M&M, टाइटन और मारुति के शेयरों में 1.6% तक की तेजी देखने को मिली।
निफ्टी के 50 शेयरों में से 33 लाल निशान में बंद हुए जबकि 17 शेयरों में बढ़त रही। सेक्टर की बात करें तो सरकारी बैंकों का इंडेक्स (PSU Bank) सबसे ज्यादा 2.04% गिरा। इसके अलावा, मीडिया 1.91%, रियल एस्टेट 1.60%, मेटल 1.29% और आईटी सेक्टर 0.94% तक फिसले। केवल ऑटोमोबाइल सेक्टर ने 0.52% की बढ़त के साथ हरे निशान में बंद होने में सफलता पाई।
ग्लोबल मार्केट्स का हाल
विदेशी बाजारों में भी गिरावट का माहौल रहा। जापान का निक्केई इंडेक्स 397 अंक यानी 1.02% की गिरावट के साथ 38,488 पर बंद हुआ। चीन का शंघाई कंपोजिट 0.79% गिरकर 3,362 पर पहुंच गया, जबकि हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 1.99% गिरकर 23,238 पर बंद हुआ।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी थोड़ा संभला और 6 अंकों की बढ़त के साथ 2,978 पर बंद हुआ।
अमेरिकी बाजारों में भी मिलाजुला असर रहा। डाउ जोन्स 0.10% की गिरावट के साथ 42,172 पर बंद हुआ। वहीं, नैस्डैक 0.13% चढ़कर 19,546 पर पहुंच गया। S&P 500 लगभग स्थिर रहा और 5,981 पर बंद हुआ।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। अमेरिकी फेड की नीति, वैश्विक तनाव और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखना जरूरी है। बाजार में उतार-चढ़ाव अभी जारी रह सकता है, इसलिए दीर्घकालिक नजरिए से निवेश करना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।