
सोमवार 23 जून को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। इसका मुख्य कारण मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव है, जहां अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। इससे पूरे पश्चिम एशिया में हालात और गंभीर हो गए हैं और इसका सीधा असर भारत के शेयर बाजार पर पड़ा है।
आज सुबह करीब 9:25 बजे सेंसेक्स लगभग 700 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखा। वहीं, निफ्टी भी 182.90 अंक लुढ़ककर 24,929.50 के स्तर पर पहुंच गया। बड़ी आईटी कंपनियों में से इन्फोसिस के शेयर में करीब 2% की गिरावट दर्ज की गई है।
शुक्रवार को बाजार ने किया था शानदार प्रदर्शन
हालांकि इससे पहले शुक्रवार को बाजार ने शानदार तेजी दिखाई थी। BSE सेंसेक्स 1,046.30 अंक यानी 1.29% चढ़कर 82,408.17 पर बंद हुआ था। NSE निफ्टी भी 319.15 अंक यानी 1.29% उछलकर 25,112.40 पर बंद हुआ। लेकिन सोमवार को अंतरराष्ट्रीय तनाव की वजह से यह बढ़त टिक नहीं पाई।
रुपये पर भी पड़ा असर
शेयर बाजार के साथ-साथ भारतीय करेंसी (रुपया) पर भी इस तनाव का असर पड़ा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे कमजोर होकर 86.76 पर खुला, जबकि शुक्रवार को यह 86.59 के स्तर पर बंद हुआ था।
क्या कहते हैं बाजार विशेषज्ञ?
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट डॉ. वीके विजय कुमार का मानना है कि अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर की गई बमबारी से वेस्ट एशिया में संकट और गहरा गया है। हालांकि, उनका कहना है कि भारतीय बाजार पर इसका बहुत गहरा असर नहीं होगा, और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के चीफ वाइस रिसर्च अजीत मिश्रा का कहना है कि इस हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा क्योंकि निवेशकों की नजरें वैश्विक संकेतों पर होंगी। इसमें अमेरिका के आर्थिक आंकड़े, फेडरल रिजर्व के अधिकारी क्या कहते हैं और मिडिल ईस्ट में तनाव की दिशा—ये सब महत्वपूर्ण रहेंगे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के संपदा प्रबंधन प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि बाजार का अगला कदम वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। अमेरिका के विनिर्माण और सेवा सेक्टर के PMI आंकड़े, फेड की नीति और मिडिल ईस्ट में आगे क्या होता है, इन सब बातों पर निवेशकों की नजर रहेगी।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस तरह के भू-राजनीतिक तनाव के समय निवेशकों को शांत रहना चाहिए और जल्दबाजी में कोई बड़ा निर्णय नहीं लेना चाहिए। बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है, खासकर जब वैश्विक स्तर पर अस्थिरता हो।
ईरान और इजरायल के बीच तनाव और अमेरिका की सीधी दखल के कारण वेस्ट एशिया में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसका असर सोमवार को भारत के शेयर बाजार और रुपये की कीमत पर साफ देखा गया। आगे भी कुछ दिन बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों को धैर्य रखने और वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।