सरकारी दफ्तरों में सख़्ती: अब सुबह 9 बजे से शाम तक तहसीलदारों की हाज़िरी अनिवार्य

पंजाब सरकार ने आम जनता को तहसील दफ्तरों में हो रही परेशानी से निजात दिलाने के लिए एक बड़ा और सख़्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार ने तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की गैरहाज़िरी पर लगाम कसने का निर्णय लिया है। अब सभी राजस्व अधिकारी सुबह 9 बजे से लेकर दफ्तर के समय समाप्त होने तक अपनी जगह पर मौजूद रहेंगे।
राजस्व और पुनर्वास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे तहसील दफ्तरों में अधिकारियों की नियमित हाज़िरी सुनिश्चित करें। इसके लिए अब एम-सेवा ऐप के ज़रिए उपस्थिति दर्ज की जाएगी और सभी दफ्तरों की जीपीएस लोकेशन राजस्व विभाग को भेजनी होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि अधिकारी वास्तव में अपनी ड्यूटी लोकेशन पर मौजूद रहें और किसी तरह की लापरवाही की गुंजाइश न रहे।
मंत्री मुंडियां ने कहा कि जो तहसीलें खाली पड़ी हैं, वहां पर ज़रूरी स्टाफ की उपलब्धता को देखते हुए वरिष्ठता के आधार पर वैकल्पिक नियुक्तियां की जाएंगी। सरकार का उद्देश्य है कि किसी भी व्यक्ति को ज़मीन या संपत्ति से संबंधित दस्तावेज़ रजिस्टर कराने में कोई परेशानी न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई नागरिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन समय लेता है, तो उसकी रजिस्ट्रेशन उसी दिन अनिवार्य रूप से की जाए। इस व्यवस्था से न केवल आम आदमी को सुविधा होगी, बल्कि तहसील दफ्तरों में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
राजस्व विभाग ने इस दिशा में सख़्त आदेश जारी किए हैं और इन आदेशों की सही ढंग से पालना सुनिश्चित करने के लिए वित्त कमिश्नर (राजस्व) अनुराग वर्मा को सभी डिप्टी कमिश्नरों को औपचारिक पत्र भी भेजा गया है।
सरकार का कहना है कि आम लोगों को ज़रूरी दस्तावेज़ बनवाने या रजिस्ट्रेशन कराने के लिए घंटों इंतज़ार नहीं करना पड़े, इसी उद्देश्य से यह सख्ती की जा रही है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार अब अपनी ड्यूटी से गायब नहीं रह पाएंगे और अगर कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस नए नियम से उम्मीद है कि अब तहसील दफ्तरों में काम समय पर होगा, जनता को राहत मिलेगी और भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी। पंजाब सरकार जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है।