प्रयागराज में छात्रों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए प्रशासन की ओर से बल का प्रयोग किया जा रहा है। धरणास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारी छात्रों को धरणास्थल से हटा दिया है, जिसके बाद छात्रों ने पुलिस पर बल प्रयोग का आरोप लगाया है। प्रदर्शन आज चौथे दिन में प्रवेश कर गया है, और सुबह से ही पुलिस और छात्रों के बीच टकराव की स्थिति गहराती जा रही है।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस में बढ़ा तनाव
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि वे केवल अपनी मांगों को लेकर एक नोटिस आयोग के पास जमा कराना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां तक पहुंचने से रोक दिया। सुबह 10:30 बजे के बाद जब छात्रों को बैरिकेडिंग के माध्यम से रोका गया, तो छात्रों का गुस्सा भड़क उठा। एक समूह ने बैरिकेड तोड़कर आयोग की ओर बढ़ने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने यूपीपीएससी मुख्यालय जाने वाले मार्ग पर नए बैरिकेड्स भी लगा दिए।
प्रशासन की कोशिशें और छात्रों का आक्रोश
इस बीच, प्रयागराज के डीएम और कमिश्नर भी स्थिति को संभालने के लिए मौके पर पहुंचे और आयोग के अधिकारियों से बातचीत की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर, छात्रों का कहना है कि उन्हें धमकाया जा रहा है, और कुछ छात्रों के साथ दुर्व्यवहार भी हुआ है। छात्रों ने आरोप लगाया है कि सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मी कुछ छात्रों को जबरन खींचकर ले गए। छात्रों का यह भी कहना है कि उन्हें अपने मुद्दे प्रशासन तक पहुंचाने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, और उनका शांतिपूर्ण प्रदर्शन बार-बार बाधित किया जा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और छात्रों की नाराजगी
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, पुलिस ने बुधवार शाम को भी कार्रवाई करते हुए 11 छात्रों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने शहर की सभी कोचिंग और लाइब्रेरी को बंद करवा दिया था, जिससे छात्रों में आक्रोश और बढ़ गया। पुलिस की ओर से कहा गया कि हिरासत में लिए गए लोगों पर शांति भंग करने के आरोप लगाए गए हैं और सभी 11 लोगों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए चालान किया जा रहा है। चालान प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें एसीपी अदालत से जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
प्रदर्शन के पीछे का कारण
इस प्रदर्शन के पीछे छात्रों की मांगें हैं, जिन्हें वे आयोग के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाना चाहते हैं। छात्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से उनके मुद्दों की अनदेखी की जा रही है और वे उचित समाधान की मांग कर रहे हैं। छात्रों के मुताबिक, वे सिर्फ अपने हक की बात कर रहे हैं और शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से बलपूर्वक उन्हें रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इससे उनका आक्रोश और बढ़ता जा रहा है, और वे अपने हक की लड़ाई जारी रखने का संकल्प ले रहे हैं।
पुलिस-प्रशासन के रुख पर सवाल
छात्रों के प्रदर्शन पर बल प्रयोग के मामले में प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। छात्रों का कहना है कि पुलिस ने उन पर दबाव बनाते हुए उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की है। छात्र नेताओं का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है और प्रशासन उन्हें दबाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन छात्रों की समस्याओं को सुलझाने की बजाय उन्हें भयभीत करने का प्रयास कर रहा है।
प्रदर्शन में आगे की स्थिति
प्रयागराज में छात्रों का यह प्रदर्शन अब और व्यापक रूप लेता जा रहा है। छात्रों की मांगें पूरी न होने की स्थिति में वे आंदोलन को और तेज करने की योजना बना रहे हैं। दूसरी ओर, प्रशासन भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है। छात्रों और पुलिस के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए प्रयागराज में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
छात्रों का कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता, वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे।