
पिछले तीन दिनों से भाखड़ा नहर के पानी की बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार के बीच तनाव बना हुआ है। इसी मुद्दे पर पंजाब सरकार की ओर से चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस मीटिंग का मकसद था पंजाब के हितों की रक्षा के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट करना। हालांकि, इस बैठक में सिर्फ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ही शामिल हुए, जबकि अन्य दलों के प्रमुख इसमें मौजूद नहीं रहे।
सुनील जाखड़ का बड़ा बयान: “हमारे पास एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं”
बैठक के दौरान सुनील जाखड़ ने दो टूक कहा कि पंजाब के पास एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है, जिसे किसी और को दिया जा सके। उन्होंने बताया कि पंजाब पहले से ही मानवता के आधार पर हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी दे रहा है। जाखड़ ने साफ किया कि इस पर किसी भी पार्टी ने कभी सवाल नहीं उठाया, लेकिन अगर कोई जबरदस्ती करेगा तो पंजाबी उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अधिकारियों को हटाना गलत, पंजाब जबरदस्ती नहीं सहेगा
सुनील जाखड़ ने बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) के अधिकारियों को बदले जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अचानक हटाना और जगह पर ताले लगाना उचित नहीं है। उन्होंने इसे ‘धक्केशाही’ करार देते हुए कहा कि पंजाब जबरदस्ती और साजिशों को सहन नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव
बैठक में यह प्रस्ताव भी सामने आया कि इस पूरे मसले को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की जानी चाहिए। जाखड़ ने कहा कि वह दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करते हैं कि वे मिल-बैठकर कोई ठोस समाधान निकालें। अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद इस मसले पर पुल बनने के लिए तैयार हैं ताकि बातचीत से रास्ता निकाला जा सके।
पड़ोसी देश भी पानी को लेकर साजिश में शामिल
सुनील जाखड़ ने यह भी कहा कि आज जब देश के भीतर ही पानी को लेकर खींचतान चल रही है, तब पड़ोसी देश इस विवाद को और भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी साजिशों से सावधान रहने की जरूरत है और यही वक्त है जब हम सबको मिलकर पंजाब के हक के लिए एकजुट होना चाहिए।
“मैं पंजाबी हूं, मुझे किसी प्रमाण की जरूरत नहीं”
जाखड़ ने भावुक होते हुए कहा कि उन्हें पंजाबी होने का सबूत देने के लिए किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा पंजाब के साथ खड़ा रहा हूं और आगे भी रहूंगा।” उन्होंने दोहराया कि ये कोई राजनीतिक मंच नहीं है, बल्कि पंजाब की ज़मीन और पानी की लड़ाई है, जिसमें हर दल को साथ आना चाहिए।
इस पूरी बैठक में यह साफ संकेत मिला कि पंजाब सरकार और खास तौर पर बीजेपी नेता सुनील जाखड़, इस मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब के हितों के लिए काम करने को तैयार हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद इस जटिल मसले का कोई समाधान निकलता है या नहीं।