पाकिस्तान को 2025 में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी का अधिकार मिला था। यह टूर्नामेंट 19 फरवरी से 9 मार्च के बीच आयोजित होने की संभावना है। लेकिन टूर्नामेंट का शेड्यूल और आयोजन स्थल अभी भी संशय में हैं क्योंकि भारतीय टीम को पाकिस्तान जाने की मंजूरी नहीं मिली है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय टीम सुरक्षा चिंताओं के चलते पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी।
हाइब्रिड मॉडल पर हो रही है चर्चा
आईसीसी अब टूर्नामेंट के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर विचार कर रहा है। इस मॉडल के तहत पाकिस्तान में कुछ मैच आयोजित होंगे, जबकि भारत के मुकाबले, एक सेमीफाइनल और फाइनल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेले जाएंगे। शुक्रवार, 29 नवंबर को आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की एक आपातकालीन बैठक हुई जिसमें इस पर चर्चा की गई।
पाकिस्तान ने हाइब्रिड मॉडल को खारिज किया
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने बैठक के दौरान ‘हाइब्रिड मॉडल’ के तहत प्रतियोगिता की मेजबानी करने से इनकार कर दिया। पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी व्यक्तिगत रूप से बैठक में उपस्थित हुए, जबकि बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ऑनलाइन भाग लिया। आईसीसी ने पीसीबी को स्पष्ट अल्टीमेटम दिया कि वह या तो ‘हाइब्रिड मॉडल’ को स्वीकार करे या मेजबानी के अधिकार खोने के लिए तैयार रहे।
हाइब्रिड मॉडल न अपनाने पर नुकसान
अगर पाकिस्तान ‘हाइब्रिड मॉडल’ स्वीकार नहीं करता है तो पीसीबी को लगभग 60 लाख डॉलर (करीब 50.73 करोड़ रुपये) के मेजबानी शुल्क से हाथ धोना पड़ेगा। इसके अलावा, वार्षिक राजस्व में भी भारी कटौती हो सकती है। इस विवाद से आईसीसी को भी नुकसान हो सकता है क्योंकि टूर्नामेंट के आधिकारिक ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स, आईसीसी के साथ अपने करार पर पुनर्विचार कर सकता है।
भारत सरकार का रुख सख्त
दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बीसीसीआई के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय टीम पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर सकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “बीसीसीआई ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया है और टीम के वहां जाने की संभावना नहीं है।”
पीसीबी के सामने सीमित विकल्प
पीसीबी के पास अब सीमित विकल्प बचे हैं। यदि वह ‘हाइब्रिड मॉडल’ को स्वीकार करता है, तो मेजबानी अधिकार उसके पास रहेंगे, और टूर्नामेंट के कुछ मैच पाकिस्तान में आयोजित हो सकेंगे। हालांकि, अगर पीसीबी इस मॉडल को खारिज करता है, तो न केवल मेजबानी का मौका हाथ से निकल जाएगा, बल्कि आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा।
2017 चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता पाकिस्तान के लिए खास मौका
यह टूर्नामेंट पाकिस्तान के लिए खास है क्योंकि उसने 2017 में इंग्लैंड में आयोजित चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। 2025 में टूर्नामेंट के आईसीसी कैलेंडर में वापसी हो रही है।
आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। पाकिस्तान के सामने या तो ‘हाइब्रिड मॉडल’ को स्वीकार करने या मेजबानी के अधिकार खोने का विकल्प है। भारत सरकार के सख्त रुख और बीसीसीआई के समर्थन के चलते स्थिति जटिल बनी हुई है। आने वाले दिनों में पीसीबी और आईसीसी की वार्ता के बाद ही स्पष्ट होगा कि टूर्नामेंट का आयोजन कहां और कैसे होगा।