महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस बना हुआ है। मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है। इस बीच सूत्रों से खबर है कि शिंदे गुट नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद, गृह विभाग समेत पिछली सरकार में उनके पास रहे सभी 9 विभागों की मांग पर अड़ा हुआ है।
शिंदे गुट की मांग और भाजपा का इंतजार
शिंदे गुट ने गृह विभाग और शहरी विकास मंत्रालय सहित 9 अहम विभागों की मांग की है। माना जा रहा है कि शिवसेना (शिंदे गुट) अपनी आगे की रणनीति का खुलासा मुख्यमंत्री पद पर फैसला होने के बाद ही करेगी।
दिल्ली में अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की बैठक हुई थी, लेकिन उस बैठक में मुख्यमंत्री के नाम का कोई ऐलान नहीं हुआ। केवल यह संकेत दिया गया कि मुख्यमंत्री भाजपा से होगा।
शिंदे गुट के नेताओं का कहना है कि वे भाजपा के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। शिंदे सरकार में शामिल होंगे या नहीं, इस पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, उनकी ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि बिना मांगें माने वे सरकार में शामिल नहीं होंगे।
शिंदे की रणनीति और आगे का प्लान
बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे सतारा जिले स्थित अपने पैतृक गांव चले गए। आज दोपहर 2 बजे वह सतारा से निकलेंगे, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वे अपने आधिकारिक आवास वर्षा बंगले जाएंगे या ठाणे स्थित निजी आवास पर रुकेंगे।
शिंदे गुट के इस रुख से यह स्पष्ट है कि नई सरकार में उनकी शर्तें मानी गईं तो ही वे शामिल होंगे।
5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह
भाजपा ने घोषणा कर दी है कि महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। इसे शिंदे गुट के लिए संकेत माना जा रहा है कि उन्हें देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने या न होने का फैसला जल्द करना होगा।
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने एक वीडियो संदेश के जरिए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समारोह में शामिल होंगे।
महायुति नेताओं की बैठक
सोमवार को महायुति (भाजपा-शिवसेना एनडीए गठबंधन) के नेताओं के बीच फिर से बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में शिंदे गुट की मांगों पर चर्चा हो सकती है।
भाजपा की रणनीति और शिवसेना की प्रतिक्रिया
भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा भाजपा से होगा। पार्टी का पूरा फोकस सरकार गठन और शपथ ग्रहण की तैयारी पर है।
वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) भाजपा के अगले कदम का इंतजार कर रही है। शिंदे गुट की मांगें पूरी होने पर ही वे भाजपा सरकार में सहयोग करेंगे।
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। शिंदे गुट की मांगों और भाजपा की रणनीति पर सरकार का भविष्य टिका है। मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सस्पेंस और शिंदे गुट की मांगें नई सरकार की दिशा तय करेंगी। 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह के साथ यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि महाराष्ट्र की नई सरकार किस दिशा में आगे बढ़ेगी।