भारत सरकार सिगरेट, तंबाकू उत्पादों और कुछ खास ड्रिंक्स पर जीएसटी की दर को बढ़ाने जा रही है। इसके तहत इन उत्पादों पर 28 फीसदी जीएसटी को बढ़ाकर 35 फीसदी तक किया जाएगा। मंत्रिमंडलीय समूह द्वारा यह प्रस्ताव जीएसटी ढांचे में सुधार करने के उद्देश्य से दिया गया है, ताकि सरकार का राजस्व बढ़ सके और स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाले उत्पादों का सेवन कम हो।
क्या होगा प्रभाव?
अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो कंपनियों को सिगरेट, तंबाकू और कुछ वीवरेज ड्रिंक्स की कीमतों में इजाफा करना पड़ेगा। वर्तमान में सिगरेट पर 28 फीसदी जीएसटी और लंबाई के हिसाब से पांच से 36 फीसदी तक का अतिरिक्त कर लागू होता है। सरकार का उद्देश्य है कि इन उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने से इनकी खपत में कमी आए और लोग स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके सेवन से बचें। इसके अलावा, सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि लोग ज्यादा सेहतमंद विकल्पों का चयन करें।
राजस्व बढ़ाने के प्रयास
यह कदम सरकार के राजस्व में वृद्धि लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। मंत्रिमंडलीय समूह ने आम उपयोग वाली वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाने से बचने का फैसला किया है, ताकि जनता के बीच असंतोष न फैले। इसीलिए सरकार ने ऐसे उत्पादों पर कर बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिनसे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को इन उत्पादों के लिए अधिक खर्च करना पड़ेगा, लेकिन सरकार की मंशा है कि यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल कम हो।
कंपनियों और शेयर बाजार पर असर
मंत्रिमंडलीय समूह के प्रस्ताव के लागू होने के बाद, तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ानी होंगी। इससे इन कंपनियों की आमदनी पर असर पड़ सकता है, क्योंकि ग्राहक बढ़े हुए दामों के साथ इन उत्पादों का कम उपयोग कर सकते हैं। कंपनियों को अपनी मार्केटिंग रणनीतियों में भी बदलाव करना पड़ेगा। इस फैसले के चलते इन कंपनियों के शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। कई प्रमुख तंबाकू कंपनियों जैसे ITC, VST Industries और Godfrey Phillips के शेयर तीन फीसदी तक गिर चुके हैं। निवेशकों की चिंता बढ़ गई है कि बढ़े हुए टैक्स के कारण इन कंपनियों के मुनाफे में कमी आ सकती है।
क्या है सरकार का लक्ष्य?
सरकार का उद्देश्य टैक्स के जरिए राजस्व बढ़ाना है, साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक उत्पादों की खपत में कमी लाना भी है। यह कदम सरकार के लिए एक सही रणनीति माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल टैक्स संग्रहण में वृद्धि होगी, बल्कि लोगों को सेहतमंद जीवन जीने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि इससे आम जनता को ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि वह वस्तुएं जिनका प्रयोग रोजमर्रा के जीवन में किया जाता है, उन पर टैक्स नहीं बढ़ाया जाएगा।
निवेशकों की चिंता
तंबाकू कंपनियों के शेयरों में गिरावट से निवेशकों के बीच चिंता की लहर है। कंपनियों को अब अपने उत्पादों की कीमतों में इजाफा करने के अलावा, अपनी मार्केटिंग रणनीतियों और बिक्री के आंकड़ों पर भी ध्यान देना होगा। इससे कंपनियों की कमाई पर भी असर पड़ सकता है, और इसके परिणामस्वरूप शेयर बाजार में इन कंपनियों के शेयर प्रभावित हो रहे हैं।