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तेलंगाना में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माण के दौरान बड़ा हादसा हो गया। इस टनल की छत का एक हिस्सा ढह गया, जिससे आठ लोग अंदर फंस गए। इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। तेलंगाना सरकार इस अभियान में विशेषज्ञों, सेना और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की मदद ले रही है।
कैसे हुआ हादसा?
यह घटना नगरकुर्नूल जिले में हुई। पुलिस के अनुसार, शनिवार सुबह पहली शिफ्ट में 50 लोग सुरंग में काम करने गए थे। वे लगभग 13.5 किलोमीटर अंदर पहुंचे थे कि अचानक टनल की छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। इस हादसे में आठ लोग अंदर फंस गए, जबकि 42 अन्य लोग भागकर बाहर निकलने में सफल रहे।
बचाव कार्य में कौन-कौन शामिल?
बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमों को लगाया गया है। इसके अलावा, सरकार ने उत्तराखंड में टनल हादसे के दौरान बचाव कार्य में शामिल विशेषज्ञों से भी संपर्क किया है। तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
फंसे हुए लोगों की स्थिति
- सुरंग में फंसे लोगों में दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं।
- ये मजदूर उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
- उनकी सुरक्षा के लिए टनल में ताजा हवा भेजी जा रही है।
- सुरंग के अंदर अभी भी तेज आवाजें आ रही हैं, जिससे बचाव दल पूरी सतर्कता बरत रहा है।
बचाव अभियान की चुनौतियाँ
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मलबा हटाने में मुश्किलें:
- सुरंग के 14 किलोमीटर अंदर का हिस्सा ढह गया है।
- वहां 200 मीटर तक मलबा जमा है, जिसे साफ करने में समय लग रहा है।
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पानी भरा हुआ है:
- सुरंग में 11 से 13 किलोमीटर के बीच पानी भरा हुआ है।
- जब तक पानी नहीं निकाला जाता, तब तक मलबा साफ नहीं किया जा सकता।
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ड्रोन से निगरानी:
- सुरंग में स्थिति का पता लगाने के लिए ड्रोन तैनात किए गए हैं।
- बचाव दल यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई और हिस्सा ढहने का खतरा न हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने की मुख्यमंत्री से बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से फोन पर बात की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि बचाव अभियान तेजी से जारी है और सभी प्रयास किए जा रहे हैं ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
टनल परियोजना के बारे में
- यह टनल श्रीशैलम परियोजना के तहत बनाई जा रही है।
- इसका उद्देश्य नलगोंडा जिले में चार लाख एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करना है।
- यह 44 किलोमीटर लंबी दुनिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक होगी।
- अभी तक लगभग 9.50 किलोमीटर सुरंग का काम बाकी है।
विशेषज्ञों की टीम भी मदद के लिए पहुंची
सरकारी स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) ने 19 खदान बचाव विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर भेजी है। इस टीम के पास खदानों और सुरंगों में फंसे लोगों को बचाने का व्यापक अनुभव है।
आगे क्या होगा?
- सबसे पहले टनल से पानी निकालने का काम किया जाएगा।
- इसके बाद 200 मीटर के मलबे को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
- जैसे ही मलबा साफ होगा, बचाव दल फंसे हुए लोगों की सही लोकेशन का पता लगाने की कोशिश करेगा।
यह टनल हादसा एक बड़ी आपदा के रूप में सामने आया है, लेकिन सरकार, बचाव दल और विशेषज्ञों की टीम पूरी ताकत से अभियान चला रही है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।