भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण पंजाब से लेकर पाकिस्तान तक बना एयरशेड है, जिसने ठंडी हवाओं को उत्तर भारत में प्रवेश करने से रोक रखा है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण भारत में अगले 24 घंटों के दौरान अच्छी बारिश की संभावना है, जबकि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 6 नवंबर की सुबह 360 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।
न्यूनतम तापमान में भी कोई बदलाव नहीं
पिछले 24 घंटों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में भी कोई खास बदलाव नहीं देखा गया है। उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य भारत और पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक बना हुआ है, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में यह अंतर 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक है।
बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती प्रसार का प्रभाव
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्सों में निचले और मध्य स्तरों पर चक्रवाती प्रसार जारी है। यहां तेज हवाओं का प्रभाव है, जो 35-45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं और यह अगले कुछ घंटों में 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है। इसके चलते दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना बढ़ गई है, जो अगले 24 घंटों तक जारी रह सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ न बनने का असर
हिमालय और थार रेगिस्तान का भौगोलिक प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप के तापमान को अन्य समान अक्षांशों के देशों की तुलना में अधिक गर्म रखता है। इस बार, पश्चिमी विक्षोभ न बनने के कारण हिमालय और पाकिस्तान के हिंदू कुश पर्वत शृंखला के संयुक्त प्रभाव से ठंडी मध्य एशियाई हवाएं भारत की ओर नहीं आ पा रही हैं, जिससे तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है।
एयरशेड और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर का असर
पंजाब से पाकिस्तान तक फैले एयरशेड ने ठंडी हवाओं को रोका हुआ है, जिससे उत्तर भारत में सर्द हवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। एयरशेड वह भौगोलिक क्षेत्र होता है जहां स्थानीय स्थलाकृति और मौसम विज्ञान की स्थिति के कारण प्रदूषक फैलने में सीमित होते हैं। यहां वायुजनित रसायन पूरे क्षेत्र में फैल जाते हैं और क्षेत्र में चल रही हवा की दिशा को प्रभावित करते हैं। इस बार पंजाब से लेकर पाकिस्तान तक बने एयरशेड ने पश्चिमी विक्षोभ में व्यवधान पैदा किया है, जो ठंडी हवाओं को उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत की ओर आने से रोक रहा है।
दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण का संकट
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर है। 6 नवंबर की सुबह दिल्ली में AQI 360 रिकॉर्ड किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माना जाता है। लगातार पराली जलाने, वाहनों और उद्योगों के धुएं के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण स्तर में वृद्धि हो रही है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब ठंडी हवाएं उत्तर से दक्षिण की ओर नहीं आ पातीं।
ठंडी हवाओं की कमी और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर का खतरा
ठंडी हवाओं की कमी के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ता जा रहा है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में स्थिर हवाओं और प्रदूषण के बीच समुचित वेंटिलेशन की कमी के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेत नहीं मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पश्चिमी विक्षोभ जल्दी विकसित होता है तो प्रदूषण की समस्या में कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
दक्षिण भारत में बारिश से तापमान में गिरावट की उम्मीद
दक्षिण भारत में अगले 24 घंटों में बारिश की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्सों में बने चक्रवाती प्रसार से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और कर्नाटक के तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति का भी खतरा है, जिससे मौसम विभाग ने मछुआरों को समंदर में न जाने की सलाह दी है।
इस मौसम में हो रहे असामान्य बदलावों से जहां एक ओर दक्षिण भारत में अच्छी बारिश हो रही है, वहीं उत्तर भारत में ठंडी हवाओं का आभाव, वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति और उच्च तापमान से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।