कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव ने उन युवा भारतीयों के सपनों को चूर-चूर कर दिया है, जो बेहतर अवसरों और उच्च शिक्षा के लिए कनाडा आना चाहते थे। कनाडा सरकार ने हाल ही में एक नया कदम उठाया है, जिसमें उसने भारतीयों के लिए इमिग्रेशन नियमों को कड़ा कर दिया है। इसके तहत अब भारतीय नागरिकों को 10 साल का विजिटर वीजा नहीं मिलेगा, जबकि पहले यह वीजा लंबी अवधि के लिए दिया जाता था। अब केवल एक महीने का विजिटर वीजा ही जारी किया जाएगा।
यह बदलाव कनाडा में रह रहे भारतीयों, विशेष रूप से पंजाबी समुदाय के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है, क्योंकि वहां पर भारतीयों की एक बड़ी आबादी बसी हुई है। कनाडा में वर्तमान में करीब 4.5 लाख पंजाबी रह रहे हैं, जिन्हें या तो नया वीजा लेना होगा या फिर कनाडा छोड़ना पड़ेगा। इस फैसले से कनाडा में लाखों भारतीयों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर उन परिवारों को, जो अक्सर विजिटर वीजा पर कनाडा जाते थे।
नए नियमों का प्रभाव
कनाडा सरकार के इस नए फैसले का सबसे ज्यादा असर पंजाबियों पर पड़ेगा, जो कनाडा आते-जाते रहते हैं। कनाडा में 10 लाख लोग विजिटर या मल्टीपल वीजा पर रहते हैं, जिनमें से करीब 4.5 लाख लोग पंजाब मूल के हैं। इनमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जो शिक्षा के लिए या अपने परिवार से मिलने के लिए कनाडा आते थे। अब इन नियमों के लागू होने से उनका जीवन प्रभावित हो सकता है।
कनाडा सरकार ने इस कदम को इमिग्रेशन प्रक्रिया को कड़ा करने के लिए उठाया है। इससे पहले, भारतीयों को लंबी अवधि के लिए वीजा मिलता था, लेकिन अब यह अवधि घटाकर केवल एक महीने कर दी गई है। इसका सबसे बड़ा असर उन परिवारों पर पड़ेगा, जो अक्सर कनाडा में अपने बच्चों से मिलने के लिए आते थे या लम्बे समय तक ठहरने के लिए वीजा पर जाते थे।
सुपर वीजा और पंजाबी समुदाय
कनाडा के वैंकूवर में रहने वाले लेखक सुखविंदर सिंह चोहला का कहना है कि नए नियमों में सुपर वीजा का कोई जिक्र नहीं है, जो विशेष रूप से उन माता-पिता को मिलता है, जिनके बच्चे कनाडा के स्थायी निवासी या नागरिक होते हैं। चोहला का मानना है कि इस बदलाव ने भारतीय परिवारों के लिए स्थिति को और भी कठिन बना दिया है।
एडमिंटन के इमिग्रेशन विशेषज्ञ परमिंदर सिंह माउंट के अनुसार, इस बदलाव का प्रभाव उन परिवारों पर पड़ा है, जो लंबी अवधि के लिए कनाडा आते थे। माउंट ने बताया कि 28 अगस्त को कनाडा सरकार ने विजिटर वीजा पर आने वाले लोगों के वर्क परमिट को भी बंद कर दिया था, जिससे उन परिवारों को परेशानी हो रही है जो काम करने के उद्देश्य से कनाडा आते थे।
पंजाब से शिक्षा के लिए कनाडा जाने वाले छात्र
पंजाब से हर साल करीब डेढ़ लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए कनाडा जाते हैं। इन छात्रों के माता-पिता कई बार 6 महीने तक कनाडा में रहते थे, लेकिन अब नए नियमों के कारण वे केवल एक महीने तक ही रह सकेंगे। यह बदलाव उन परिवारों के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताने के इच्छुक थे।
कनाडा के नए इमिग्रेशन नियमों ने भारतीयों के लिए कड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। जहां पहले भारतीय परिवारों को लंबी अवधि के वीजा की सुविधा मिलती थी, अब वे केवल एक महीने के लिए कनाडा जा सकते हैं। इससे कनाडा में रह रहे भारतीय समुदाय और पंजाबी परिवारों के लिए जीवन मुश्किल हो सकता है।