संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर क्षेत्रों पर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। मंगलवार को किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झांडे ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया।
जगजीत सिंह डल्लेवाल को सोमवार रात पुलिस ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू करने से पहले ही हिरासत में ले लिया और लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रशासन ने अस्पताल के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया है ताकि कोई भी उनसे संपर्क न कर सके। सूत्रों के अनुसार, डल्लेवाल अस्पताल में कुछ भी नहीं खा रहे हैं और वे अनशन पर डटे हुए हैं।
अस्पताल के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। लगभग 100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। डल्लेवाल को अभी तक कोई वार्ड नहीं दिया गया है और उन्हें इमरजेंसी के वीआईपी रूम में रखा गया है। पुलिस प्रशासन डल्लेवाल की सेहत और उम्र को लेकर चिंतित है।
किसान आंदोलन को मिल रहा समर्थन
कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया मंगलवार को खनौरी बॉर्डर पहुंचे और किसानों की मांगों के समर्थन में अपनी एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “मैं किसानों के साथ उनके हकों की लड़ाई में हमेशा खड़ा रहूंगा।”
प्रदर्शनकारियों ने 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च का ऐलान किया है। वहीं, शंभू बॉर्डर पर 4 फुट चौड़ी सड़क खोलने की तैयारी की जा रही है ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके।
प्रशासन का बयान
पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रशासन डल्लेवाल की सेहत और उम्र को लेकर चिंतित है। आमरण अनशन के कारण भीड़ इकट्ठा होने से स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा उत्पन्न होती है। इसी कारण प्रशासन ने डल्लेवाल को मेडिकल जांच के लिए लुधियाना डीएमसी ले जाने का फैसला किया।
प्रशासन और पुलिस आंदोलन पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। किसान नेताओं के अनुसार, डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर अडिग हैं और उनके समर्थन में पूरे पंजाब और हरियाणा में किसान जुट रहे हैं।
आंदोलन की तीव्रता बढ़ने के आसार
किसानों का यह प्रदर्शन कृषि और सामाजिक मुद्दों को लेकर है। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, डल्लेवाल की गिरफ्तारी ने उनके आंदोलन को और तेज कर दिया है। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर हजारों किसान जुटने लगे हैं। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और व्यापक होगा।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षात्मक कदम उठाए हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। अगले कुछ दिनों में आंदोलन के और तेज होने की संभावना है।