जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार, 28 अक्टूबर 2024 को जम्मू के अखनूर क्षेत्र में सेना की एंबुलेंस पर आतंकियों ने अचानक फायरिंग कर दी। यह घटना सुबह 7:25 बजे जोगवान इलाके में शिवसन मंदिर के पास बट्टल इलाके में हुई, जहां तीन से चार आतंकियों के एक समूह ने सेना की एंबुलेंस पर हमला कर दिया। आतंकियों ने करीब 15-20 राउंड गोलियां चलाईं। हालांकि, इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
हमले के तुरंत बाद पुलिस और सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सुरक्षा बलों ने पूरे जोगवान इलाके में अतिरिक्त चौकसी बढ़ा दी है, ताकि हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़कर निष्प्रभावी किया जा सके।
हालिया घटनाओं से उपजा तनाव
यह हमला जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं की एक और कड़ी है। इससे पहले गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग के निकट बोटा पथरी इलाके में आतंकियों ने सेना के एक वाहन पर हमला किया था। इस हमले में दो सैनिक और एक स्थानीय कूली की जान चली गई थी, जबकि एक सैनिक और एक अन्य कूली घायल हो गए थे। उस हमले के बाद भी सेना ने इलाके में तलाशी अभियान तेज किया था और आतंकियों की तलाश के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर तक तैनात किए गए थे। पुलिस और सेना के अनुसार बोटा पथरी हमले में तीन से चार आतंकवादी शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में तेजी
हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कई हमलों का निशाना बाहरी मजदूर और स्थानीय निवासी बने हैं, जो कश्मीर में विकास और निर्माण कार्यों में जुटे थे। पिछले हफ्ते ही गंदेरबल जिले के गगनगीर इलाके में जेड-मोड़ टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर हुए हमले में छह बाहरी मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर की मौत हो गई थी। इससे पहले 18 अक्टूबर को शोपियां में आतंकियों ने बिहार के एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन घटनाओं से स्थानीय लोगों और अन्य राज्यों से आए मजदूरों में भय का माहौल है।
सरकार और सुरक्षा बलों की सक्रियता
आतंकी हमलों के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को और कड़ा करने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है और विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। सुरक्षा बल अब आतंकवादियों को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा ले रहे हैं, जिसमें ड्रोन और अन्य उपकरणों का उपयोग शामिल है।
हालांकि, बढ़ते हमलों के कारण जम्मू-कश्मीर की स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। सुरक्षा बलों का मानना है कि आतंकी संगठनों का उद्देश्य राज्य में शांति और विकास कार्यों को बाधित करना है। इन घटनाओं से आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, और प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके।
नतीजे और आगे की दिशा
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी के पीछे बाहरी तत्वों का हाथ हो सकता है, जो राज्य में शांति स्थापना को बाधित करना चाहते हैं। वहीं, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों की ओर से बढ़ी हुई सतर्कता के बावजूद, हालात सामान्य करने में समय लग सकता है।