उदयपुर सिटी पैलेस विवाद: विश्वराज सिंह और समर्थकों का प्रवेश रोका गया, हालात तनावपूर्ण
राजस्थान के उदयपुर में सिटी पैलेस के बाहर सोमवार देर रात तक तनावपूर्ण हालात बने रहे। यह विवाद मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के दो धड़ों के बीच संपत्ति और अधिकारों को लेकर है। सिटी पैलेस के बाहर भारतीय जनता पार्टी के विधायक और मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह को उनके समर्थकों सहित प्रवेश से रोका गया।
क्या है मामला?
विश्वराज सिंह को हाल ही में चित्तौड़गढ़ किले में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया के रूप में गद्दी पर बैठाने की रस्म पूरी की गई थी।
इसके बाद वह उदयपुर स्थित सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ मंदिर में दर्शन के लिए गए।
अरविंद सिंह मेवाड़, जो महल और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर विश्वराज सिंह के प्रवेश पर आपत्ति जताई और इसे “अनधिकृत” करार दिया।
अरविंद सिंह ने आरोप लगाया कि मंदिर और महल में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कानून व्यवस्था और प्रशासन की भूमिका
सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
विश्वराज और उनके समर्थकों को बैरिकेडिंग के जरिए अंदर जाने से रोका गया।
विश्वराज ने अपने समर्थकों के साथ महल के बाहर धरना दिया, जिसके दौरान दोनों पक्षों में बातचीत विफल रही।
देर रात पथराव और विवादित स्थल पर रिसीवर नियुक्त करने की तैयारी
देर रात सिटी पैलेस के अंदर से पथराव की घटनाएं सामने आईं।
प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए सिटी पैलेस के विवादित हिस्से (धूणी माता मंदिर से जनाना महल तक) के लिए रिसीवर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है।
उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है और मामले को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है।
परिवार के भीतर विवाद के कारण मामला तूल पकड़ रहा है
विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद पारिवारिक विवाद उभर कर सामने आया।
महेंद्र सिंह और उनके छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच संपत्ति और अधिकारों को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है।
अरविंद सिंह ने स्पष्ट किया है कि सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ मंदिर उनकी अध्यक्षता वाले ट्रस्ट के अधीन हैं, और वहां बिना अनुमति किसी का प्रवेश वर्जित है।
विवाद का ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व
मेवाड़ राजपरिवार का गौरवशाली इतिहास महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं से जुड़ा हुआ है।
सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ मंदिर न केवल ऐतिहासिक धरोहर हैं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक महत्व भी रखते हैं।
इस विवाद ने राजपरिवार के विभाजन और संपत्ति विवाद को सार्वजनिक कर दिया है।
आगे की स्थिति
जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिशें तेज कर दी हैं।
अगर दोनों पक्ष सहमति पर नहीं पहुंचते, तो विवादित संपत्ति पर कानूनी प्रक्रिया के तहत रिसीवरशिप लागू हो सकती है।
फिलहाल, सिटी पैलेस के बाहर पुलिस बल तैनात है, और कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास जारी हैं।
यह विवाद न केवल मेवाड़ के राजपरिवार के भीतर की खींचतान को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पारंपरिक और ऐतिहासिक धरोहरों से जुड़े मामलों में राजनीतिक और कानूनी जटिलताएं किस तरह उभरती हैं।