अमेरिका में हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शानदार जीत दर्ज की है। वे जनवरी 2025 में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। हालांकि, ट्रंप के सामने उनकी नई पारी में सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज (National Debt) होगी, जो 36 ट्रिलियन डॉलर के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। महज चार महीनों में अमेरिका का कर्ज 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है। यह संकट केवल आर्थिक नीतियों की चुनौती नहीं है, बल्कि अमेरिकी जनता पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज: भयावह आंकड़े
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका पर 36 ट्रिलियन डॉलर का भारी कर्ज है। यह जून 2024 के 35 ट्रिलियन डॉलर के मुकाबले सिर्फ चार महीनों में 1 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि दर्शाता है। इस स्थिति का सीधा असर हर अमेरिकी नागरिक पर पड़ा है, क्योंकि औसतन हर नागरिक पर अब 1 लाख डॉलर का कर्ज बकाया है। यह राशि भारतीय मुद्रा में लगभग 84 लाख रुपये के बराबर है।
हर साल एक ट्रिलियन डॉलर ब्याज का भुगतान
अमेरिकी कर्ज संकट को और गंभीर बनाता है इस पर चुकाया जाने वाला भारी ब्याज। वर्तमान में अमेरिका को हर साल लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर ब्याज चुकाना पड़ता है। यह ब्याज भुगतान अमेरिका की अन्य प्रमुख योजनाओं जैसे रक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर पर होने वाले खर्च से अधिक है।
कर्ज क्यों बढ़ा?
यह कर्ज संकट किसी एक प्रशासन की देन नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में कर्ज का बढ़ना जारी रहा।
- जो बाइडेन का कार्यकाल: जब बाइडेन ने सत्ता संभाली, तब अमेरिका पर 26.9 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था। उनके चार वर्षों के कार्यकाल में यह आंकड़ा 9 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा।
- डोनाल्ड ट्रंप का पहला कार्यकाल: ट्रंप ने 19 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज के साथ सत्ता संभाली थी, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान भी कर्ज में कमी के बजाय वृद्धि हुई।
फिजूलखर्ची और आर्थिक योजनाओं की अस्थिरता ने भी इस संकट को गहराने में योगदान दिया।
अमेरिकी नागरिकों पर प्रभाव
राष्ट्रीय कर्ज के बढ़ते बोझ का सीधा असर अमेरिकी नागरिकों पर पड़ेगा।
- टैक्स में बढ़ोतरी: सरकार को बजट घाटे को पूरा करने और ब्याज भुगतान के लिए टैक्स बढ़ाना होगा। इससे आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी।
- सरकारी सेवाओं में कटौती: शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा जैसी सेवाओं के बजट में कटौती हो सकती है।
- आर्थिक अस्थिरता: कर्ज के बढ़ते बोझ के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भरोसा कम हो सकता है, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर प्रभावित हो सकते हैं।
ट्रंप के सामने चुनौतियां
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान कई बड़े वादे किए हैं। इनमें गैरकानूनी प्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालने का वादा शामिल है। हालांकि, इस योजना को लागू करने में अरबों डॉलर का खर्च आएगा, जो कर्ज संकट को और गंभीर बना सकता है।
इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन को कर्ज पर लगाम लगाने के लिए बजट में 8 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करनी होगी। यह कटौती करना आसान नहीं होगा, क्योंकि इसका असर देश के विकास और नागरिक सेवाओं पर पड़ सकता है।
कर्ज संकट से निकलने का रास्ता
अमेरिका के कर्ज संकट को हल करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे:
- फिजूलखर्ची पर नियंत्रण: सरकार को अपने खर्चों को नियंत्रित करना होगा और अनावश्यक योजनाओं पर धन खर्च करने से बचना होगा।
- कर सुधार: टैक्स सिस्टम को ऐसा बनाना होगा, जिससे राजस्व में वृद्धि हो और कर्ज चुकाने के लिए धन उपलब्ध हो।
- निवेश और विकास: कर्ज चुकाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए निवेश बढ़ाने की नीति अपनानी होगी।