
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की बैठक के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी नहीं दी जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इतना ही नहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन भी जारी रहेगा।
सरकार और किसानों के बीच बातचीत जारी
इस अहम बैठक में केंद्र सरकार की ओर से कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तीन केंद्रीय मंत्री और पंजाब सरकार के मंत्री भी शामिल हुए। हालांकि, बैठक में कोई ठोस हल नहीं निकला, लेकिन सरकार और किसानों के बीच बातचीत आगे बढ़ी है। अब अगली बैठक 4 मई को होगी, जहां फिर से इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
सरकार ने मांगा समय
बैठक के बाद किसान नेता सरवण सिंह पंढेर ने बताया कि केंद्र सरकार ने कहा है कि एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर कुछ समस्याएं आ सकती हैं। सरकार इस मुद्दे पर विभिन्न विभागों से चर्चा करके गहराई से अध्ययन करना चाहती है। इसलिए सरकार ने किसानों से और समय मांगा है ताकि सही निर्णय लिया जा सके।
सरकार ने यह भी कहा कि वे किसानों के साथ बातचीत जारी रखना चाहते हैं और शांतिपूर्ण हल निकालने के पक्ष में हैं। अब यह देखना होगा कि अगले दो महीनों में सरकार इस पर क्या ठोस कदम उठाती है।
किसानों का रुख सख्त
बैठक के बाद किसानों ने अपना रुख साफ कर दिया है कि जब तक एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं दी जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। दोनों मोर्चे (दिल्ली सीमा और पंजाब में चल रहे प्रदर्शन) पहले की तरह चलते रहेंगे।
अगली बैठक 4 मई को
बैठक के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि अगली बैठक 4 मई को होगी। इस दौरान सरकार अपने अध्ययन और रिपोर्ट के आधार पर किसानों को जवाब देगी।
अब सबकी निगाहें केंद्र सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या किसानों की मांगें पूरी होंगी? क्या एमएसपी को कानूनी दर्जा मिलेगा? यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। फिलहाल, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।