
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पहलगाम में एक अहम घोषणा की। पिछले महीने हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 बेगुनाह लोगों की याद में अब बैसरन में एक भव्य स्मारक बनाया जाएगा। यह स्मारक न केवल सुंदर और भव्य होगा, बल्कि उसमें श्रद्धा और गरिमा की भावना भी झलकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम पहले दिन से इस विषय पर चर्चा कर रहे थे। अब निर्णय लिया गया है कि बैसरन में उन 26 लोगों की याद में एक स्मारक बनाया जाएगा, ताकि हम उन्हें कभी न भूलें।”
यह घोषणा पहलगाम में आयोजित एक बड़ी बैठक में की गई, जिसमें देशभर के टूर और ट्रैवल ऑपरेटर शामिल हुए थे। सीएम ने बताया कि इस स्मारक के निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को मंजूरी देने का अधिकार कैबिनेट बैठक में दे दिया गया है।
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“हम केवल सम्मान में सिर झुका सकते हैं”: उमर अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री ने आतंकवाद की इस दर्दनाक घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “हम लाख शब्दों में निंदा करें, फिर भी उन 26 परिवारों के दुख को हम बयान नहीं कर सकते। हम केवल उनके सम्मान में सिर झुका सकते हैं।”
उन्होंने साथ ही उन टूर ऑपरेटरों का धन्यवाद भी किया, जिन्होंने कठिन समय में भी घाटी में पर्यटन को फिर से शुरू करने की हिम्मत दिखाई। उमर ने 1990 के दशक को याद किया जब मुंबई और गुजरात से पर्यटक फिर लौटे और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
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पर्यटन स्थलों को फिर से खोलने की तैयारी
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही पर्यटक स्थलों को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू करेगी, लेकिन यह धीरे-धीरे और योजनाबद्ध तरीके से होगा। उन्होंने कहा, “जो स्थल अभी खुले हैं, उन्हें बढ़ावा दें। मैं खुद बेटाब वैली गया हूं, वहां की स्थिति देखी है। धीरे-धीरे सभी स्थल फिर से खोल दिए जाएंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रक्रिया में स्थानीय टूर ऑपरेटरों की राय और सुझावों को महत्व दिया जाएगा।
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घरेलू पर्यटन से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन तक
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जब घरेलू पर्यटक वापस लौटते हैं, तो विदेशी पर्यटक भी धीरे-धीरे आने लगते हैं। उन्होंने कहा, “जब स्कूल के बच्चे पिकनिक के लिए लौटते हैं, तो यह पहला संकेत होता है कि हालात बेहतर हो रहे हैं।”
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स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात और साइकिल यात्रा
सीएम ने पहलगाम विधायक के नेतृत्व में आए स्थानीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और जनता की परेशानियों को सुना। उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा संकट के समय दिए गए सहयोग की सराहना की।
इसके बाद उन्होंने अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए नुनवान बेस कैंप का दौरा किया। यात्रा के अंत में उन्होंने बेटाब वैली से होटल तक साइकिल यात्रा की, जिसमें उनके दोनों बेटे भी शामिल हुए। यह कदम पर्यटन के सतत विकास की दिशा में एक नई सोच को दर्शाता है।
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सीएम उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में घाटी में न केवल शांति की कोशिशें जारी हैं, बल्कि पर्यटन को भी दोबारा जीवन देने की योजना बनाई जा रही है। शहीदों के सम्मान में बनने वाला स्मारक इस बात का प्रतीक होगा कि जम्मू-कश्मीर अपने जख्मों को भुलाकर आगे बढ़ रहा है – उम्मीद, सम्मान और विकास की ओर।