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पंजाब सरकार ने ज़मीन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार ने 66 केवी बिजली सप्लाई लाइन बिछाने से प्रभावित होने वाले ज़मीन मालिकों के मुआवज़े की दरों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस फैसले की जानकारी पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ ने एक प्रेस बयान में दी।
मुआवज़े की दरों में बड़ा बदलाव
बिजली मंत्री ने बताया कि बिजली सप्लाई लाइनों की स्थापना के कारण प्रभावित ज़मीन मालिकों को अब दोगुने से भी अधिक मुआवजा मिलेगा। सरकार ने यह फैसला इस उद्देश्य से लिया है ताकि जिन लोगों की ज़मीन पर ये लाइनें डाली जा रही हैं, उन्हें उचित आर्थिक सहायता मिल सके।
टावर बेस एरिया के लिए मुआवज़ा
नए नियमों के तहत, टावर बेस एरिया का मुआवज़ा अब ज़मीन की कीमत के 200% तक दिया जाएगा। पहले, यह मुआवज़ा सिर्फ 85% तक सीमित था। टावर बेस एरिया को परिभाषित करते हुए बताया गया है कि यह टावर की चारों टांगों से घिरा हुआ क्षेत्र होगा, जिसमें हर तरफ एक-एक मीटर अतिरिक्त शामिल किया जाएगा।
राइट-ऑफ-वे कॉरिडोर (ROW) के लिए मुआवज़ा बढ़ा
इसके अलावा, राइट-ऑफ-वे (ROW) कॉरिडोर के लिए मुआवज़े की राशि भी बढ़ा दी गई है। अब, इस कॉरिडोर में आने वाली ज़मीन का मुआवज़ा केंद्र सरकार के 2022 के नए नियमों के अनुसार ज़मीन की कीमत के 30% तक मिलेगा। इससे पहले, यह मुआवज़ा केवल 15% तक दिया जाता था।
कैसे तय होगा मुआवज़े का मूल्य?
बिजली मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मुआवज़े की गणना ज़मीन की कीमत के आधार पर की जाएगी। यह कीमत ज़िला मजिस्ट्रेट, ज़िला कलेक्टर या डिप्टी कमिश्नर द्वारा निर्धारित सर्कल रेट या बाज़ार मूल्य के अनुसार तय होगी।
बिजली लाइन क्षेत्र में निर्माण की अनुमति नहीं
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रांसमिशन लाइन के राइट-ऑफ-वे (ROW) क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह ज़मीन भविष्य में भी केवल बिजली लाइनों और इससे संबंधित संरचनाओं के लिए सुरक्षित रहेगी।
सरकार का उद्देश्य और लाभ
इस फैसले से उन ज़मीन मालिकों को बड़ा लाभ मिलेगा, जिनकी ज़मीन बिजली लाइनों के कारण प्रभावित होती है। सरकार चाहती है कि इन ज़मीन मालिकों को उनकी संपत्ति की उचित कीमत मिले और वे किसी भी तरह के आर्थिक नुकसान से बच सकें।
पंजाब सरकार का यह फैसला ज़मीन मालिकों के हित में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है। इससे प्रभावित किसानों और ज़मीन मालिकों को उचित मुआवज़ा मिलेगा और वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकेंगे। सरकार की यह नीति न्यायसंगत और पारदर्शी व्यवस्था को बढ़ावा देगी, जिससे भविष्य में बिजली ट्रांसमिशन सिस्टम को और बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकेगा।