
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने सैनिकों, पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों के कल्याण के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने वित्तीय सहायता और अनुग्रह राशि में बढ़ोतरी करके यह साबित कर दिया है कि वह देश की रक्षा में योगदान देने वाले जवानों और उनके परिवारों के प्रति समर्पित है।
शहीदों के परिवारों को अब 1 करोड़ रुपये की सहायता
अब तक शहीद सैनिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती थी, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया है। रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने बताया कि अब तक 24 शहीद सैनिकों के परिवारों को इस बढ़ी हुई राशि का लाभ मिल चुका है।
ड्यूटी के दौरान घायल होने वाले सैनिकों के लिए मदद बढ़ी
ड्यूटी के दौरान घायल होने वाले सैनिकों के लिए भी सरकार ने मुआवजे की राशि दोगुनी कर दी है:
अब 10 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये तक की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
दुर्घटना में किसी सैनिक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को 25 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
ब्लू स्टार ऑपरेशन के प्रभावित सैनिकों के लिए भी मदद बढ़ी
ब्लू स्टार ऑपरेशन से प्रभावित सैनिकों की मासिक सहायता राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दी गई है।
वार जागीर योजना के तहत लाभार्थियों की वार्षिक वित्तीय सहायता 10,000 से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है।
सम्मानित सैनिकों को भी बढ़ी हुई राशि मिलेगी
पंजाब सरकार ने वीरता और सेवा पदकों से सम्मानित सैनिकों के लिए वित्तीय सहायता में भी वृद्धि की है:
परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित सैनिकों को 6 लाख रुपये दिए जाएंगे।
सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित सैनिकों को 6.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
गैर-पेंशन योग्य प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दिग्गजों और 65 वर्ष से अधिक उम्र की उनकी विधवाओं के लिए मासिक वित्तीय सहायता 6,000 रुपये से बढ़ाकर 11,000 रुपये कर दी गई है।
शहीदों के परिवारों को सरकारी नौकरियां
सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवारों को सम्मान देते हुए 10 आश्रितों को सरकारी नौकरी भी दी है। इसके अलावा,
पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए सरकारी नौकरियों में 13% आरक्षण दिया गया है।
पिछले दो वर्षों में 2,044 पदों पर भर्ती की जा चुकी है।
मान सरकार का संकल्प: सैनिकों और उनके परिवारों का कल्याण
पंजाब सरकार का यह फैसला सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वित्तीय सहायता, सरकारी नौकरियां और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शहीदों और सैनिकों का सम्मान बरकरार रहे और उनके परिवारों को किसी तरह की परेशानी न हो।
इस पहल से न केवल सैनिकों को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, जिससे वे सम्मान और स्वाभिमान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें।