
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज मोहाली में राज्यवासियों को एक बड़ा तोहफा देते हुए “ईज़ी रजिस्ट्री सिस्टम” की शुरुआत की। इस नई व्यवस्था से लोगों को जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने में अब न तो परेशानी होगी और न ही रिश्वतखोरी का सामना करना पड़ेगा।
क्या है ईज़ी रजिस्ट्री सिस्टम?
इस सिस्टम के तहत अब आम लोग किसी भी नजदीकी रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकते हैं। पहले लोगों को विशेष तहसील या दफ्तर में जाना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी और भ्रष्टाचार की शिकायतें आम थीं। अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी होगी।
केजरीवाल का बयान
मीडिया को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने इसे एक इतिहासिक दिन करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले जब कोई तहसीलदार के दफ्तर से बाहर निकलता था, तो ऐसा लगता था जैसे उसे पूरी तरह ‘निचोड़’ दिया गया हो। लेकिन अब समय बदल गया है। लोगों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही है क्योंकि अब सिस्टम जनता के हित में काम करेगा।
कैसे होगा फायदा?
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अब कोई भी नागरिक किसी भी रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर रजिस्ट्री करवा सकता है।
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इससे सरकार को यह जानने में भी मदद मिलेगी कि कहां पर काम तेजी से और सही हो रहा है।
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भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और काम तेजी से निपटेगा।
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सिर्फ 48 घंटों के अंदर दस्तावेज़ों की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता
केजरीवाल ने बताया कि मोहाली में यह सिस्टम पिछले 15 दिनों से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चल रहा था। उन्होंने खुद यह देखना चाहा कि आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा है। मोहाली में यह सिस्टम पूरी तरह सफल रहा है, इसलिए अब इसे 15 जुलाई तक पूरे पंजाब में लागू कर दिया जाएगा।
अगला कदम
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1 अगस्त से पूरे पंजाब में ट्रायल रन शुरू किया जाएगा।
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इसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
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केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि जल्द ही यह मॉडल पूरे देश में अपनाया जाएगा।
भ्रष्टाचार पर लगेगा ब्रेक
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह सिस्टम न केवल आम लोगों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि इससे भ्रष्टाचार पर भी कड़ी लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मकसद लोगों को ईमानदार, पारदर्शी और सरल सेवाएं देना है।
ईज़ी रजिस्ट्री सिस्टम पंजाब में एक नई क्रांति की शुरुआत है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी, समय और पैसे की बचत होगी और सरकारी कामों में पारदर्शिता बढ़ेगी। अगर यह मॉडल सफल होता है, तो आने वाले समय में यह देशभर में लागू किया जा सकता है।