
पंजाब सरकार प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार जल्द ही ‘साइबर तहसील’ की शुरुआत करने वाली है, जिससे लोगों को जमीन से जुड़े कामों के लिए तहसील जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब ज़मीन की रजिस्ट्रेशन, इंटकाल अपडेट और अन्य भूमि संबंधी कार्य घर बैठे ही डिजिटल माध्यम से पूरे किए जा सकेंगे।
पंजाब के लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
अभी तक, ज़मीन के दस्तावेज़ों से जुड़ी प्रक्रियाओं के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। लोगों को पटवारियों और तहसीलदारों के पास बार-बार जाना पड़ता था, जिससे समय और धन की बर्बादी होती थी। कई मामलों में लोगों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब इस नई डिजिटल प्रणाली से यह झंझट खत्म होने वाला है।
साइबर तहसील लागू होने के बाद, पंजाब के लोग घर बैठे ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए वे अपने मोबाइल फोन या सेवा केंद्रों के माध्यम से जरूरी कार्य पूरे कर सकेंगे।
रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
सरकार के इस कदम से रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी। अक्सर लोग ज़मीन के कागजात अपडेट करवाने या अन्य कार्यों के लिए दलालों और बिचौलियों के चक्कर में फंस जाते थे। अब इस नई प्रणाली से पारदर्शिता आएगी और हर प्रक्रिया तेजी से और निष्पक्ष तरीके से पूरी होगी।
लुधियाना से होगी शुरुआत, फिर पूरे पंजाब में लागू
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस नई प्रणाली की पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत लुधियाना जिले के जगराांव तहसील से की जाएगी। इसके सफल होने के बाद इसे पूरे पंजाब में लागू किया जाएगा।
सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है और सबसे पहले तहसीलों के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जा रहा है। इसके बाद, चरणबद्ध तरीके से इस सुविधा को प्रदेशभर में उपलब्ध करवाया जाएगा।
सेवा केंद्रों पर भी मिलेगी सुविधा
डिजिटल सिस्टम लागू होने के बाद, सेवा केंद्रों पर भी तहसील से जुड़े कार्यों की सुविधा मिलेगी। सरकार सेवा केंद्रों के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दे रही है ताकि वे इस नई प्रणाली को बेहतर ढंग से चला सकें। इससे वे लोग जो ऑनलाइन प्रक्रिया में असुविधा महसूस करते हैं, वे भी सेवा केंद्रों के माध्यम से आसानी से अपना काम करवा सकेंगे।
साल के अंत तक लागू होने की उम्मीद
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस डिजिटल प्रणाली को 2025 के अंत तक पूरी तरह लागू किए जाने की योजना है। एक बार यह सिस्टम पूरी तरह से तैयार हो जाए, तो पंजाब के लोगों को तहसील से जुड़े कामों के लिए लंबी कतारों और दफ्तरों के चक्करों से छुटकारा मिल जाएगा।
‘साइबर तहसील’ न केवल पंजाब में एक डिजिटल क्रांति की शुरुआत करेगी, बल्कि इससे लोगों के समय, पैसे और मेहनत की बचत भी होगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार का यह कदम प्रदेश को डिजिटल और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।