
कोरोना महामारी ने पांच साल पहले पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई और करोड़ों की जिंदगी बदल गई। उस मुश्किल वक्त को कोई भूल नहीं पाया है। अब, पांच साल बाद, एक बार फिर कोरोना वायरस कई देशों में अपने पैर पसार रहा है, जिससे एक बार फिर डर और चिंता का माहौल बन गया है।
पंजाब में भी कोरोना के केस फिर से सामने आए
पंजाब में कोरोना के नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसको देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अभी से सावधानी न बरती गई, तो हालात फिर से वैसे हो सकते हैं जैसे पहले महामारी के समय हुए थे।
लोगों से फिर अपील: करें सतर्कता, न दोहराएं पुरानी गलती
लुधियाना के गिल्ल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता और महावीर एन्क्लेव के डायरेक्टर सरवन सिंह लाड़ियां ने जनता से अपील की है कि वे सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। उन्होंने कहा कि अगर लोग सतर्क रहेंगे, मास्क पहनेंगे, हाथ साफ रखेंगे और भीड़भाड़ से बचेंगे, तो इस बार हम कोरोना को दोबारा बढ़ने से रोक सकते हैं।
समाजसेवियों और प्रॉपर्टी कारोबारियों की अपील
हैबोवाल प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी और सहगल प्रॉपर्टी डिवेलपर के डायरेक्टर राजेश सहगल ने कहा कि कोरोना के दिन कोई नहीं भूल सकता। पूरे विश्व ने उस समय डर, लॉकडाउन और मौतों को देखा था। उन्होंने कहा कि लोगों को अब फिर से वही सतर्कता बरतनी चाहिए जो उन्होंने साल 2020 में दिखाई थी।
क्या करना जरूरी है?
स्वास्थ्य विभाग ने फिर से सावधानी बरतने की सलाह दी है:
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मास्क पहनना
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बार-बार हाथ धोना या सैनिटाइज़र का उपयोग करना
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भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना
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हल्की खांसी, बुखार या गले में खराश होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना
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बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान देना
क्यों है खतरा?
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस समय-समय पर अपना रूप बदलता है। इसकी वजह से यह फिर से फैल सकता है, खासकर जब लोग सतर्क नहीं रहते। पिछली बार भी यही लापरवाही बड़ी तबाही का कारण बनी थी।
अब लापरवाही नहीं चलेगी
कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसका डर और खतरा दोबारा सिर उठा रहा है। अगर हम सभी नागरिक मिलकर फिर से उसी तरह सावधानी बरतें जैसे महामारी के समय की गई थी, तो हम इस वायरस को दोबारा फैलने से रोक सकते हैं।
अब वक्त है फिर से एकजुट होकर, सतर्क होकर और समझदारी से इस बीमारी का मुकाबला करने का — ताकि जो दुःख और तबाही हमने पहले देखी, वह फिर न दोहराई जाए।